हाजीपुर : इंसान के मन में किसी बात को लेकर कोई टीस या मलाल रह जाता है, तो वह जिंदगी की फांस बन जाता है. यह टीस तब तक सालती रहती है, जब तक कि इंसान उसे भूल कर आगे नहीं बढ़ जाता. यह कथासार है नाटक ‘पीले स्कूटर वाला आदमी’ का. इसकी प्रस्तुति मंगलवार को स्थानीय आम्रपाली नगर भवन में हुई. नाटक यह संदेश देता है कि जिंदगी में कभी किसी को सारी खुशियां नहीं मिल पातीं. इसलिए ईश्वर ने जो दिया है, उसके लिए धन्यवाद देना और जीवन को जिंदादिली के साथ जीना ही समझदारी है.
मानव कौल द्वारा लिखित इस नाटक का मंचन युवा रंगकर्मी स्वरम उपाध्याय के निर्देशन में रंग समूह, पटना ने किया. नाटक में अभिषेक आर्या, समीर शर्मा, उत्तम कुमार, ऋृषिकेश झा, विनीता सिंह एवं स्वरम ने प्रभावकारी भूमिकाएं निभायीं. पांच दिवसीय नाट्य महोत्सव, नटलीला 2017 के दूसरे दिन दो नाटकों की प्रस्तुति हुई. दूसरी प्रस्तुति अवधेश प्रीत द्वारा लिखित ‘हमजमीन’ नाटक की हुई. सीतामढ़ी की संस्था इक रोशनी ने रंजीत कुमार के निर्देशन में इस नाटक का मंचन किया.
यह नाटक हिंदू और मुसलमान के दंगे, प्रशासन की कुव्यवस्था तथा समाज के अमानुषिक रवैये को उद्घाटित करता है. बताते चलें कि डिवाइन सोशल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, पटना एवं निर्माण रंगमंच, हाजीपुर के संयुक्त तत्वावधान में लोक कलाकार भिखारी ठाकुर को समर्पित पांच दिवसीय नाट्य महोत्सव नटलीला 2017 का आयोजन किया गया है.