हाजीपुर : नहाय-खाय के साथ व्रती महिलाएं छठ का प्रसाद तैयार करने के लिए गेहूं धोकर सूखाने में लगी रहीं. सामूहिक रूप से गेहूं सूखाती महिलाएं दिन भर बैठकर निगरानी करती रहीं, ताकि कोई पक्षी उसमें चोंच न लगा दे. इस दौरान नारायणी नदी के विभिन्न घाटों से लेकर आवासीय परिसरों तक मंगल गीत गूंजते रहे. चारों तरफ पूजा का उल्लास और उत्साह बना हुआ है. व्रती सावित्री देवी बताती हैं कि यह पर्व बहुत ही पवित्र है. इसमें स्वच्छता और पवित्रता का पूरा ख्याल रखना पड़ता है.
कहीं कोई चूक न हो जाये, इसको लेकर पूरा परिवार सावधान रहता है. गेहूं सूखाने के साथ ही महिलाओं ने मिट्टी के चूल्हे को भी धूप में सूखाया और इसका पूरा ख्याल रखा कि कोई उसे अपवित्र न कर दे.