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बिहार से चोरी के बाद पशुओं को भेजा जाता है कोलकाता

आरा/बक्सर/बिहारशरीफ/हाजीपुर : भोजपुर जिले में पशु चोरी के सैकड़ों मामले दर्ज है. लेकिन, आज तक पशुओं की रिकवरी नहीं हो पायी है. आंकड़े पर अगर गौर करें, तो गत एक साल के अंदर जिले के शाहपुर, तरारी गड़हनी, पीरो, संदेश, सहार जैसे प्रखंडों में पशु चोरी की काफी घटनाएं हुई है. बीते वर्ष गड़हनी थाना […]

आरा/बक्सर/बिहारशरीफ/हाजीपुर : भोजपुर जिले में पशु चोरी के सैकड़ों मामले दर्ज है. लेकिन, आज तक पशुओं की रिकवरी नहीं हो पायी है. आंकड़े पर अगर गौर करें, तो गत एक साल के अंदर जिले के शाहपुर, तरारी गड़हनी, पीरो, संदेश, सहार जैसे प्रखंडों में पशु चोरी की काफी घटनाएं हुई है. बीते वर्ष गड़हनी थाना क्षेत्र के गड़हनी पशु मेला में अचानक करंट आ जाने के कारण अफरातफरी का माहौल कायम हो गया था, जिसमें 50 से उपर पशुओं की चोरी हुई थी.

इसको लेकर मामला भी दर्ज किया गया था. परंतु आज तक पशु कहां गये, इसका पता नहीं चल पाया. यूपी में अवैध बूचड़खानों पर बैन के बाद बिहार बॉर्डर के इलाके में पशुओं की चोरी की घटनाएं बढ़ गयी हैं. बक्सर के कई इलाकों में पशु चोरी की घटनाएं आम हो चुकी हैं. जिले के चौसा में प्रत्येक बुधवार को लगने वाला पशु मेला व ब्रह्मपुर में पशुओं का सौदा करने के लिए बंगाल से कारोबारी आते हैं. चौसा के अलावा ब्रह्मपुर में नैनीजोर के बिहार घाट से गायों को ट्रक पर लाद बलिया के दियारा के रास्ते छपरा होते हुए बंगाल रवाना किया जाता है. यहां से भेजे गये पशुओं की वहां दोगुनी कीमत मिलती है.
इस बात का खुलासा हाल ही राजपुर में एक चोर को पकड़े जाने के बाद हुआ था. बीते माह मुफस्सिल थाना के जासो गांव निवासी पशुपालक कामेश्वर सिंह की भैंस चोरों ने चुरा ली थी.
पांच महीने में पांच शिकायत
नालंदा में पशुओं की चोरी मुख्य रूप से जिले के खुदागंज, एकंगरसराय, करायपरशुराय, तेल्हाड़ा, मिरचाईगंज गांव में आदि सुदूरवर्ती क्षेत्रों से किया जाता है. ऐसे गांवों पर पशु तस्करों की खूब नजर रहती है. पशु तस्कर इसके लिए गांव के कुछ शरारती तत्वों को पैसे का लालच देकर अपने साथ रखते है. वर्ष 2016 में नालंदा पुलिस ने जिले के थरथरी क्षेत्र से कंटेनर से ले जा रहे 25 पशुओं को एक साथ बरामद किया था. इसी तरह पिछले वर्ष दीप नगर थाना क्षेत्र के देवीसराय मोड़ के पास पिकअप भान से चोरी के दो पशु बरामद किये गये थे. जानकार बताते हैं कि पशु तस्कर चोरी के बाद पशुओं को सीधे कोलकाता भेज देते हैं. वहीं से पशुओं को बांग्लादेश तक भेज दिया जाता है. पशु एक पुष्ट मवेशी बेचने के एवज में बीस हजार रुपये लेते हैं, जबकि ऐसे पुष्ट पशुओं की कीमत बांग्लादेश में तीन गुनी हो जाती है. जानकारी के अनुसार पिछले पांच माह के दौरान जिले में पांच पशु चोरी की शिकायतें दर्ज हुई है.
आधा दर्जन चोरी, एक ही प्राथमिकी
वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों से बीते तीन महीनों में पशु चोरी की आधा दर्जन से अधिक घटनाएं हुई हैं. अभी तक मवेशी चोरी की घटना के मामले में प्रशासन ने सिर्फ एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. अन्य मामलों को सनहा के तौर पर दर्ज किया. इन सभी मामलों में पुलिस को उद्भेदन करने में कोई सफलता हासिल नहीं हुई. विगत दिनों में थाना क्षेत्र के विशनपुर राजखंड गांव में गनौर मांझी की भैंस, शीतलपुर गांव में राम दास की भैंस,
चांदपुरा सैदाबाद में चनारिक सिंह की गाय, खानपुर पकड़ी में त्रिलोकी सिंह की भैंस तथा चकसिकन्दर रेलवे ढ़ाला स्थित गांव से एक साथ दो गाय एवं दो भैंस की चोरी कर ली गयी. पातेपुर प्रखंड में इसी सप्ताह शुक्रवार की देर शाम दभैच्छ चौरसिया लाइन होटल के पास लखना पुल के निकट पिकअप पर लादकर ले जा रहे पांच गाय को देखकर कुछ स्थानीय लोगों ने शंका पर रोककर तिसीऔता थानाध्यक्ष राजीव नयन को सूचना दी. पुलिस पिकअप को थाना लाकर पूछताछ करने पर पता चला कि गाय छपरा जिला से आ रही था.
भोजपुर में
कहां- कहां दर्ज हैं पशु चोरी के मामले
पीरो थाना में 10
संदेश थाना में 07
तरारी में 10
शाहपुर में 30
गड़हनी में 5
मुफस्सिल में 3
नवादा में 5
चरपोखरी में 2
सहार में 10

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