Bihar Panchayat Chunav: पंचायत चुनाव 2026 को आरक्षण को लेकर हुआ उहापोह स्थिति बरकरार है. चौक चौराहा से लेकर गांव में आरक्षण को लेकर चर्चा बना हुआ है कि कौन सा पंचायत किस आरक्षण में जाएगा. जिसको लेकर अभी से ही पंचायत में विभिन्न कोटि के प्रत्याशी अपने-अपने दावेदारी शुरू कर दिए हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दावेदारी दर्ज कर रहे हैं.
2026 में पूरा हो रहा 10 साल का समय सीमा
गौरतलब हो की पंचायत चुनाव होने में अभी समय है लेकिन गांव में पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों ने अभी से ही अपनी दावेदारी शुरू कर दी है. त्रिस्तरीय पंचायती राज अधिनियम के तहत हर 10 साल के बाद आरक्षण की कोटी बदल जाती है जिसमें 2015 के बाद अभी तक एक आरक्षण के तहत चुनाव कराये गये है. वर्ष 2026 में 10 साल का समय सीमा पूरा हो रहा है. जिसमें पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच से लेकर प्रमुख सहित जिला पंचायत के सीटों में बदलाव होने है.
प्रचार में जुटे प्रत्याशी
जिसको लेकर पंचायतों में लोग अपनी परिकल्पना के आधार पर कहीं पूर्व से रहे अनारक्षित सीटों पर आरक्षित पदों के उम्मीदवार अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए सोशल मीडिया पर अपनी प्रचार प्रसार शुरू कर दिये तो कहीं पूर्व से रहे आरक्षित पदों पर अब अनारक्षित कोटी के प्रत्याशी अपने भाग आजमाने के लिए सोशल मीडिया से लेकर चौक चौराहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिये हैं.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
पंचायतों में चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज
बहुत से पंचायतों के वर्तमान जनप्रतिनिधि काफी मायूस है कि हमारा पंचायत किस आरक्षण कोटी में जाएगा और हमारा क्या है. अभी उट किस करवट बैठेगा यह तो समय बताएगा. लेकिन पंचायतों में चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है. गांव देहात में एक कहावत है कि गाछे कटहल ओठे तेल खा लईका ठेलमठेल वही हालात बन गया है. कहा क्या होगा किसी को पता नहीं है परन्तु याहा तैयारी जोर पर जारी है.
इसे भी पढ़ें: Bihar: सत्ता के केंद्र में होंगे सम्राट, गृह मंत्री के लिए तैयार हो रहा 5 कमरों वाला हाईटेक ऑफिस

