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भभुआ में तीन साल की बच्ची को गर्म चिमटे से दागा, आया बर्खास्त

विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, भभुआ में एक तीन वर्षीय बच्ची के साथ आया की मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली क्रूरता सामने आयी है. दत्तक ग्रहण संस्थान में कार्यरत चंद्रावती कुंवर नामक आया ने बेड पर दस्त कर देने के कारण मासूम बच्ची को चिमटा गर्म कर दाग दिया.

भभुआ. विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, भभुआ में एक तीन वर्षीय बच्ची के साथ आया की मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली क्रूरता सामने आयी है. दत्तक ग्रहण संस्थान में कार्यरत चंद्रावती कुंवर नामक आया ने बेड पर दस्त कर देने के कारण मासूम बच्ची को चिमटा गर्म कर दाग दिया. कई जगहों पर जलाये जाने के कारण बच्ची के हाथ और पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गये.

घटना उजागर होने के बाद दत्तक ग्रहण संस्थान के अधिकारियों ने जख्मी बच्ची को सदर अस्पताल में भर्ती कराया और इस क्रूरता के लिए आया को बर्खास्त कर दिया. बाल संरक्षण पदाधिकारी जितेंद्र पॉल ने भभुआ थाने में आया के खिलाफ बच्ची को चिमटे से जलाये जाने की प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है.

29 सितंबर को मामला हुआ उजागर

जानकारी के अनुसार, जिस तीन वर्षीय बच्ची को आया चंद्रावती कुंवर द्वारा बेड पर दस्त किये जाने के कारण गुस्से में चिमटा गर्म कर दागा गया, उसे पिछले चार सितंबर को ही सासाराम से भभुआ विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में लाया गया था. 29 सितंबर को संस्थान के समन्वयक चंद्रशेखर सिंह ने देखा कि तीन वर्षीय बच्ची के पैर व हाथों में कई जगहों पर जलाये जाने के निशान हैं.

इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना सहायक निदेशिका बाल संरक्षण इकाई व बाल संरक्षण पदाधिकारी को दी. घटना के बारे में पदाधिकारियों ने पूछताछ की, तो आया चंद्रावती कुंवर ने बताया कि वह पारिवारिक कारणों से तनाव में थी. इसी बीच, 27 सितंबर को बच्ची द्वारा बेड पर बार-बार दस्त कर दिये जाने से वह गुस्से में आ गयी और फिर बगल के स्टोर रूम में ले जाकर उसे डराने की नीयत से चिमटा गर्म कर हाथ व पैरों को दागा है.

आया की इस स्वीकारोक्ति के बाद उसे तत्काल बर्खास्त कर दिया गया. 27 सितंबर को आया ने बच्ची के हाथ-पैरों को दागा था. लेकिन, इसकी जानकारी दत्तक ग्रहण संस्थान के अधिकारियों को 29 सितंबर को हुई. इसके बाद बच्ची का इलाज कराने के साथ आरोपित आया पर कार्रवाई शुरू की गयी.

अधिकारी का बयान

बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशिका अंजलिका कृति ने कहा कि विगत 29 सितंबर को मेरे संज्ञान में मामला आया. इसके बाद बच्ची के हाथ व पैर जलाने वाली आया को बर्खास्त कर दिया गया. साथ ही प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. इस मामले में और किनकी लापरवाही है, इसके लिए जांच टीम गठित की गयी है. आया ने गलती स्वीकार की है.

कैमूर के एसपी राकेश कुमार ने कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. इसमें एक महिला को आरोपित बनाया गया है. पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच और कार्रवाई करने में जुटी है. जो लोग भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी.

Posted by Ashish Jha

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