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मेहुल चोकसी को ‘गुजराती ठग’ बता फंस गये तेजस्वी यादव, गुजरात में दर्ज हुआ मानहानि का मुकदमा, जानें पूरा मामला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर गुजरात में मानहानि का मुकदमा दायर हुआ है. तेजस्वी पर गुजरातियों का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है. तेजस्वी यादव ने भगोड़े मेहुल चोकसी को लेकर दिये बयान में उसे 'गुजराती ठग' बताया था.

पटना. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर गुजरात में मानहानि का मुकदमा दायर हुआ है. तेजस्वी पर गुजरातियों का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है. तेजस्वी यादव ने भगोड़े मेहुल चोकसी को लेकर दिये बयान में उसे ‘गुजराती ठग’ बताया था. इसको लेकर हरेश मेहता ने अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में याचिका दायर कर तेजस्वी यादव खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गयी है. तेजस्वी यादव पर आईपीसी की धार 499 और 500 के तहत याचिका दायर की गयी है. इस अर्जी पर आगे की सुनवाई एक मई को होगी.

तेजस्वी यादव ने दिया था ये बयान

बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि आज के हालात में देखा जाये तो देश में सिर्फ गुजराती ठग होते हैं और उनके ठग को माफ किया जाता है. एलआईसी और बैंक का पैसा दे दिया जाए और वे लोग लेकर भाग जाए तो कौन जिम्मेवार होगा? तेजस्वी के इस बयान पर अब जाकर मुकदमा किया गया है. गुजराती ठग कहने को गुजरातियों का अपमान गया है. बताया जाता है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली सजा के बाद ऐसे लोगों को उत्साह बढ़ा है और गुजरात में ऐसे और मामले सामने आ सकते हैं.


राहुल को मिल चुकी है सजा

‘मोदी उपनाम’ बयान से जुड़े मानहानि के मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुना चुकी है. बीते 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने कांग्रेस नेता को 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी ‘सभी चोरों का मोदी उपनाम कैसे हो सकता है’ के लिए दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी. अदालत के इस फैसले के बाद वायनाड से सांसद चुने गए राहुल को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था. राहुल ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान अप्रैल, 2019 में कोलार में यह टिप्पणी की थी.

विदेश की एक कोर्ट में मेहुल चोकसी की हुई थी जीत

पिछले महीने मार्च में ही भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम रेड नोटिस के इंटरपोल डेटाबेस से वापस लिया गया था. इस नोटिस को लेकर भारत में काफी बवाल हुआ था. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नोटिस की बहाली की मांग की थी. दरअसल, रेड नोटिस को हटाने का मतलब है कि चोकसी एजेंसियों की तरफ से गिरफ्तार किये जाने के डर के बिना स्वतंत्र रूप से दुनिया भर में यात्रा कर सकता है. भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को विदेश की एक कोर्ट में जीत हासिल हुई है.

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