Tej Pratap Yadav: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाल दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तेजस्वी यादव महज 27 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बन गए थे. इतना ही नहीं बिहार में 2015 के बाद से जब भी आरजेडी सत्ता में आई है वह हमेशा मंत्री बने हैं.
2015 में पहली बार बने थे मंत्री
बता दें कि तेज प्रताप यादव पहली बार 2015 में वैशाली के महुआ सीट से विधायक बने थे. यहां से उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को हराया था. इसके बाद नवंबर 2015 से जुलाई 2017 तक वह नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहे. इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव ने उनकी सीट बदली दी और उन्हें हसनपुर से चुनाव लड़ाया तेज प्रताप यहां से भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे और जब 26 जुलाई 2017 को नीतीश कुमार ने राजद को छोड़कर एनडीए के साथ दोबारा सरकार का गठन किया तो इस बार तेज प्रताप यादव को पर्यावरण व वन एवं जलवायु परिवर्तन का प्रभार दिया गया.

2025 में फिर से महुआ से चुनाव लड़ना चाहते थे तेज प्रताप
बता दें कि तेज प्रताप यादव ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में फिर से अपनी पुरानी सीट महुआ से चुनाव लड़ेंगे. उनके इस ऐलान के बाद से इस सीट पर राजद के विधायक मुकेश रौशन का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें वह रोते हुए नजर आए थे. हालांकि अब जब राजद प्रमुख ने ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया है तो देखना होगा की वह इस बार कहां से चुनाव लड़ते हैं.
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केंद्र सरकार ने दी थी Y कैटेगरी की सुरक्षा
बता दें कि तेज प्रताप यादव को केंद्र सरकार ने साल 2017 में Y कैटेगरी की सुरक्षा दी थी. लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया था. इसके बाद 2022 में तेज प्रताप ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की मांग की थी. बता दें कि 2017 में जब केंद्र सरकार ने लालू यादव की सुरक्षा मे कटौती की तो तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री मोदी को खाल उधेड़ने की धमकी दी थी. इसके बाद लालू यादव ने अपने बेटे का बचाव किया था.