सुपौल. विशेष न्यायाधीश उत्पाद न्यायालय संख्या 02 अमित कुमार की अदालत ने शुक्रवार को वर्ष 2023 में रतनपुरा थाना क्षेत्र में नेपाली देसी शराब के साथ रंगे हाथ पकड़े गए दो अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. सत्रवाद (उत्पाद) संख्या 3080/23 में अदालत ने अभियुक्त सुबोध पासवान और उमेश प्रसाद शर्मा को बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधन) अधिनियम 2022 की धारा 30(ए) व 37 के तहत दोषी पाते हुए पांच-पांच वर्ष का साधारण कारावास तथा एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में दोनों को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अभियुक्तों द्वारा पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि को इस सजा में समायोजित किया जायेगा. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक राम निरंजन रजक ने अभियोजन पक्ष का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया. एसपी शैशव यादव के कुशल नेतृत्व में अभियोजन कोषांग ने तत्परता से कार्य करते हुए कुल पांच साक्षियों की समय पर गवाही करवाई, जिनमें सभी ने अपने बयानों में घटना और प्राथमिकी की पुष्टि की. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जौहर मंडल व शिवजी मंडल ने बहस में भाग लिया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने 07 मई 2025 को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे शुक्रवार को घोषित किया गया. पकड़े गए थे रंगे हाथ, भारी मात्रा में बरामद हुई थी शराब प्राथमिकी के अनुसार 03 अगस्त 2023 को रतनपुरा थाना कांड संख्या 44/23 के तहत पुलिस ने गुप्त सूचना पर छापेमारी अभियान चलाया था. इस दौरान पुलिस ने रतनपुरा चौक से उमेश प्रसाद शर्मा को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा. ब्रेथ एनालाइजर से जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई और तलाशी में उसके पॉकेट से 300 एमएल के दो बोतल नेपाली देसी शराब बरामद किए गए. उसी की सूचना पर पुलिस ने देना गांव में छापा मारकर सुबोध पासवान को भी गिरफ्तार किया, जिसके घर से 300 एमएल के 18 बोतल नेपाली देसी शराब बरामद किए गए. उल्लेखनीय है कि सुबोध पासवान के विरुद्ध पूर्व में भी मद्य निषेध अधिनियम के तहत पांच मामले दर्ज हैं.
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