सुपौल. जिले में गर्मी का कहर परवान है. सुबह होते ही गर्म हवा अपना तेवर दिखाना शुरू कर दे रहा है. दोपहर होते ही सड़कों लोग देखने को मिल रहे हैं. पंखा, कूलर से भी लोगों में गर्मी में राहत नहीं मिल रही है. लोग पेड़ की छांव में बैठक गर्मी से बच रहे हैं. लोग अब बारिश होने की उम्मीद लगाये हुए हैं. लोगों को लग रहा है कि यदि बारिश होगी तो तापमान में गिरावट आएगी. पिछले तीन दिनों से चटकदार धूप और ऊमस भरी गर्मी ने फिर से आम जनजीवन को बेहाल कर दिया है. वायुमंडल में नमी और हवा की अनुपस्थिति ने गर्मी की तपिश को और अधिक झुलसाने वाला बना दिया. मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. बच्चे व बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित बुधवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ा, धूप की तीव्रता भी बढ़ती गई. दोपहर के बाद धूप असहनीय हो गई. स्कूलों से छुट्टी के समय घर लौटते छात्र बेहद थके और गर्मी से निढाल नजर आए. लोग छाता, गमछा और चेहरे को ढकने वाले कपड़ों के सहारे गर्मी से बचाव करते दिखे, लेकिन ऊमस के कारण घर के अंदर भी पंखे और कूलर राहत देने में असमर्थ साबित हुए. लापरवाही पड़ सकती है भारी, डॉक्टरों की चेतावनी मौसम के इस उतार-चढ़ाव के बीच डॉ आरसी मंडल ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उनका कहना है कि गर्मी और उमस के कारण वायरल संक्रमण, सिरदर्द, चक्कर, पेट दर्द, उल्टी और बुखार जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ सकती है. डॉक्टरों ने बाहर निकलते समय सिर और चेहरे को ढंकने, पर्याप्त पानी पीने, नींबू पानी और मौसमी फलों का सेवन करने की सलाह दी है ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे और बीमारियों से बचाव हो सके. ग्राहकों के इंतजार में दिन भर दुकान पर बैठे रहते हैं दुकानदार मौसम की बेरुखी से दोपहर में घरों से निकलना मुश्किल हो जा रहा है. गर्म हवा के थपेड़े भी लोगों को झुलसाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. चिलचिलाती धूप से बचने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय कर रहे हैं. सूरज की किरणों के सुबह से ही आग बरसाने की वजह से दोपहर में लोग घरों में दुबकने को विवश हैं. इसका नतीजा यह है कि तीखी धूप से दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. बाजारों में ग्राहकों के न रहने से दुकानदार हाथ पर हाथ धरे बैठे रह रहे हैं. शाम को तापमान में कमी होने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं. मौसम की बेरुखी का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है. लोग डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं. वहीं चर्म रोग के भी मरीज भी बढ़ रहे हैं. रोज कमाने-खाने वालों की परेशानी बढ़ी भीषण गर्मी एवं तेज धूप की मार से मजदूरों एवं रोज कमाने-खाने की व्यवस्था करने वाले परिवारों के सामने विषम स्थिति पैदा हो गई है. सुबह आठ-नौ बजते ही असहनीय हो जा रही धूप से लोग काम करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. इससे उनके सामने आर्थिक समस्या पैदा हो गई है.
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