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पीड़िता से मिले मंत्री, गुनाहगारों को मिलेगी सजा

25 जून को एक महिला के साथ हुई थी घटना

– 25 जून को एक महिला के साथ हुई थी घटना छातापुर. स्थानीय विधायक सह बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू शनिवार को रामपुर पंचायत के सिद्दिकी चौक पहुंचे, जहां उन्होंने सहनी बस्ती में जाकर एक महिला से घर घुसकर दुष्कर्म का प्रयास मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कहा कि इस प्रकार की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. घटना के आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी होगी. पीड़ित महिला के परिजनों ने मंत्री से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है. परिजनों ने बताया कि बीते 25 जून की रात वार्ड संख्या 02 निवासी मो अमरूल का पुत्र 24 वर्षीय मो फोकचा चार अज्ञात अन्य युवकों के साथ रात में घर में घुस गया. घर में सोई महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने लगा. शोर के बाद सभी आरोपित मौके से भाग गये. भागने के दौरान आरोपित का झरनी छूट गया है. बताया कि घटना के तत्काल बाद 112 पर बात हुई पर पुलिस नहीं पहुंची. फिर थाना को फोन लगाया तो वहां से भी नहीं आया. घटना के 36 घंटे बाद पुलिस पीड़िता के घर पहुंची और पूछताछ की गई. पुलिस को आरोपी के छूटे झरनी के बारे में बताया लेकिन उन्होंने नजर अंदाज कर दिया. बताया कि थाना पर काफी मशक्कत व पैरवी के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. परंतु अब तक एक भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है. आरोपी गांव में छुट्टा घूम रहा है. बताया कि आरोपित पक्ष के लोगों द्वारा केस में मेलजोल करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जिसके कारण पूरा परिवार व बस्ती के लोग डरे और सहमे हुए हैं. मंत्री ने आश्वस्त करते कहा कि इस घटना के संदर्भ में एसडीपीओ से बात हुई है, उनके द्वारा समुचित कार्रवाई करने की बात कही गई है. संगीन व संवेदनशील मामलों मे आपसी समझौता समाज के हित में नहीं हैं. गुनाहगारों के किये की सजा मिले तो रहेगा कानून का राज. मौके से मंत्री ने थानाध्यक्ष को फोन लगाकर केस की स्थिति की जानकारी ली. जिसके बाद मंत्री ने घटना स्थल पर पुलिस के विलंब से पहुंचने और प्राथमिकी दर्ज करने में देर के कारणों को पूछा. उन्होंने थानाध्यक्ष को इस घटना में संलिप्त सभी आरोपियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करने को कहा. मंत्री ने कहा उन्हें ज्ञात हुआ है कि हत्या व दुष्कर्म जैसे गंभीर और संवेदनशील मामलों में भी दोनों पक्ष द्वारा आपसी समझौता कर लिया जाता है. गुनाहगारों को बचाने के लिए केश को ही खत्म करने की परंपरा बन रही है. इस प्रकार की मानसिकता समाज के हित में अच्छा नहीं है. आरोपियों को उचित सजा मिले तब ही कानून का राज दिखेगा. ऐसे अपराधिक तत्वों को बचाने के लिए नहीं बल्कि एकजुटता के साथ सामाजिक स्तर पर उसका बहिष्कार करना जरूरी है. इसके बाद ही समाज में अमन चैन कायम रह सकेगा. मौके पर गोपाल आचार्य, पवन कुमार हजारी, शिवकुमार भगत, गौरीशंकर भगत, सूरज चंद्र प्रकाश, शंकर सहनी, प्रशांत उर्फ काली झा, रमेश कुमार मुखिया मुख्य रूप से मौजूद थे.

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