-वर्षों से लंबित जमीन संबंधी विवाद का हुआ समाधान सुपौल. राज्य सरकार द्वारा संचालित बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 आमजन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह न केवल नागरिकों को उनकी समस्याओं के समाधान का कानूनी अधिकार देता है, बल्कि सरकारी तंत्र को भी जवाबदेह और पारदर्शी बनाता है. इसका जीवंत उदाहरण हाल ही में सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल अंतर्गत जदिया थाना क्षेत्र के ग्राम गुड़िया निवासी सुकनी देवी के मामले में देखने को मिला. वर्षों पुरानी परेशानी का मिला समाधान सुकनी देवी के पति स्व सरयुग यादव के नाम से दर्ज जमाबंदी संख्या 96/262 को ऑनलाइन जमाबंदी पंजी पर अपडेट नहीं किया जा रहा था. वर्षों से वे इस समस्या के समाधान के लिए दर-दर भटक रही थी, लेकिन कहीं से कोई ठोस पहल नहीं हो रही थी. अंततः उन्होंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत 01 मार्च 2025 को परिवाद संख्या 506310101032505057 के माध्यम से त्रिवेणीगंज अनुमंडल कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित अंचल अधिकारी को निर्देश दिया. जांच के क्रम में यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित जमाबंदी पहले से ही स्व सरयुग यादव के नाम पर दर्ज है, लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड में खाता, खेसरा एवं रकवा अद्यतन नहीं था. लोक शिकायत तंत्र की जवाबदेही ने दिलाया सुकून पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में 22 अप्रैल 2025 को सीओ त्रिवेणीगंज ने ऑनलाइन रिकॉर्ड को अद्यतन करवा दिया. वर्षों पुरानी समस्या चंद सप्ताहों में विधिसम्मत तरीके से सुलझ गई. भावुक होकर सुकनी देवी ने कहा, जो काम वर्षों से नहीं हो पा रहा था, वह कुछ ही दिनों में बिना किसी भ्रष्टाचार या परेशानी के पूरा हो गया. यह अधिनियम हम जैसे गरीब और साधारण लोगों के लिए एक वरदान है. 17 लाख से अधिक मामलों का हो चुका है निवारण बिहार सरकार द्वारा लागू लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत अब तक 17 लाख से अधिक मामलों का सफल समाधान हो चुका है. यह अधिनियम जनता और प्रशासन के बीच विश्वास की मजबूत कड़ी बनकर उभरा है. अब किसी भी शिकायत को दर्ज कराने के लिए दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं नागरिक घर बैठे ही https://lokshikayat.bihar.gov.in जन समाधान मोबाइल ऐप अथवा टोल फ्री नंबर 18003456284 के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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