– किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि का आधार बना मक्का की खेती बलुआ बाजार. एक दशक पूर्व जिस खेत में बालू के मोटी चादर से ढके मिट्टी में पलाश और कांस उगे रहते थे. वहां आज मक्का समेत कई तरह की फसलें लहलहा रही हैं. इस बदली तस्वीर को देख बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र के बलुआ, विशुनपुर शिवराम, बलभद्रपुर, निर्मली, तुलसीपट्टी, ठूठी, चैनपुर, विशनपुर चौधरी आदि इलाकों के किसान काफी खुश हैं. किसानों के खुशी का राज उनकी आर्थिक समृद्धि का आधार मक्का की खेती है. यह कामयाबी किसानों का उसका खुद का मेहनत को बयां कर रहा है. अपने दम पर किसानों ने कोसी बाढ़ से भयंकर तबाही के बाद आज किसान अपने भूमि को उपजाऊ बना दिया है. कोसी बाढ़ के बाद सभी जमीन पड़ी थी बंजर इन इलाकों में कोसी बाढ़ के बाद ना जाने कितने बीघे से अधिक जमीन बेकार पड़ी थी. यह स्थान कोसी के मुख्य धारा में शामिल होकर भी आज मक्का के वृहद खेती के लिए जाने जाते है. फलस्वरूप आज हर फसल उपजने वाली जगह के रूप में इसकी अलग पहचान है. अब बच्चों को दिला रहे अच्छी शिक्षा किसानों ने बताया कि मेहनत का फल हमलोगों को मिल रहा है. मक्का की फसल काफी बेहतर है. नवंबर में लगाई गई मक्का की फसल अब धीरे धीरे अंकुरित के और अग्रसर है. किसानों का कहना है कि खेती की आमदनी से बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और बेटी की शादी सहित घर के आर्थिक समृद्धि का आधार ही सिर्फ मक्का का खेती है. बसंतपुर प्रखंड में 90 प्रतिशत से अधिक मक्का की फसल का हो रहा उत्पादन इस बार बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में कुल 90 प्रतिशत से अधिक खेतों में मक्का की फसल लगाई गई है. जिसमे कोचगम्मा, विशनपुर शिवराम, बलभद्रपुर, निर्मली तुलसीपट्टी आदि गांव शामिल है. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि कृषि विभाग बाजार में बिकने वाले बीज पर निगरानी रखने के साथ साथ समय से किसानों को उर्वरक उपलब्ध करती आ रही है. किसानों के हितों को देखते हुए कृषि विभाग उपज बेचने एवं सही मूल्य प्राप्त करने हेतु बाजार समिति कि मूलभूत संरचना का निर्माण कराया जा रहा है.
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