– बंदूक की जगह अब धारदार हथियार से की जा रही हत्याएं – एक माह के दौरान चार हत्या सुपौल कभी शांत और सुरक्षित माने जाने वाला सुपौल जिला अब तेजी से अपराध की गिरफ्त में आता जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इस जिले में पिछले कुछ समय से अपराध की घटनाएं जिस रफ्तार से बढ़ी हैं, उसने न सिर्फ प्रशासन को चौंकाया है, बल्कि आम लोगों के दिलों में भी भय का माहौल बना दिया है. पिछले एक महीने के भीतर जिले में चार हत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इनमें से दो वारदातों में अपराधियों ने गोलीबारी की, जबकि अन्य दो मामलों में धारदार हथियार से बेहद निर्ममता से हत्या की गई. यह बदलाव केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अपराध के तौर-तरीकों में आए खतरनाक बदलाव का संकेत है. बदल रही है अपराध की शैली जानकारों का मानना है कि अब अपराधी गोली चलाने की बजाय धारदार हथियार का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे वारदात को अंजाम देने के बाद पहचान या सबूत छोड़ने की संभावना कम हो जाती है. यह अपराध की एक खामोश लेकिन क्रूर शैली बनती जा रही है, जिसने पुलिस की चुनौती और भी बढ़ा दी है. सूखे नशे का बढ़ता कहर विशेषज्ञ बताते हैं कि इन बढ़ती घटनाओं की जड़ में सूखा नशा है. एक ऐसा नशा जो शरीर को सिथिल कर देता है और व्यक्ति को मानसिक रूप से अचेत अवस्था में पहुंचा देता है. नशे की यह स्थिति इतनी गंभीर होती है कि व्यक्ति को यह तक एहसास नहीं होता कि वह क्या कर रहा है और उसके काम का नतीजा क्या होगा. युवा हो रहे अपराध की गिरफ्त में सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इन घटनाओं में शामिल अधिकतर आरोपी 20 से 25 वर्ष के युवा हैं. ये पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि नशे की लत के शिकार हैं जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं. यह युवा, जो कभी समाज का भविष्य माने जाते थे, आज खुद को और अपने परिवार को अंधकार की ओर धकेल रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अब शाम ढलते ही बाजार बंद होने लगते हैं, लोग जल्दी-जल्दी घर लौट आते हैं और हर अपरिचित चेहरा उन्हें डराने लगा है. सुपौल, जो कभी अपनी सादगी और शांति के लिए जाना जाता था, अब धीरे-धीरे डर और अविश्वास की परछाईं में डूबता जा रहा है. अपराध पर नकेल कसने के लिए चलाया जा रहा अभियान : एसपी पुलिस अधीक्षक शैशव यादव ने कहा कि अपराधी और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. यही कारण है कि अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधी लाख प्रयास के बाद भी बच नहीं रहे हैं. सभी थानों में नियमित रूप से गश्ती की जा रही है. केस स्टडी 01 11 अप्रैल: पिपरा थाना क्षेत्र में टेंट मजदूर विकास यादव की गोली मारकर हत्या. केस स्टडी 02 12 अप्रैल: राघोपुर थाना क्षेत्र में दवा व्यवसायी चंदन कुमार को लूट के दौरान गोली मारी गई, घायल. केस स्टडी 03 03 मई: छातापुर में वृद्ध नाई जगदीश ठाकुर की कुदाल से हत्या, दो गिरफ्तार. केस स्टडी 04 20 अप्रैल : लौकहा थाना क्षेत्र के गंगापट्टी गैस गोदाम के पास वार्ड नंबर 12 निवासी मो जहांगीर की गोली मारकर हत्या कर दी. केस स्टडी 05 05 मई : बैरो ब्रह्मपुर में गांजा पीने को लेकर हत्या.
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