सुपौल. रिक्रूट प्रशिक्षण केंद्र, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), सुपौल द्वारा शुक्रवार को एक विशेष मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम ग्रामीणों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने तथा प्राकृतिक संसाधनों के माध्यम से सतत आजीविका के नए रास्ते खोलने के उद्देश्य से आयोजित किया गया. प्रशिक्षण सत्र में प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन की आधुनिक व वैज्ञानिक विधियों, उपकरणों के समुचित प्रयोग, छत्ते की देखभाल, और शुद्ध शहद के उत्पादन की पूरी प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराया गया. साथ ही मधुमक्खी पालन से जुड़े सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं, ऋण सुविधाओं, और मार्केटिंग विकल्पों के बारे में भी जानकारी दी गई. केंद्र के अधिकारियों ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन न केवल अतिरिक्त आय का एक सशक्त साधन है, बल्कि इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि, जैव विविधता के संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलती है. अधिकारियों ने बताया कि यदि सही प्रशिक्षण और तकनीक के साथ इसे अपनाया जाए, तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस पहल को अत्यंत उपयोगी व प्रेरणादायक बताया. कई प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण के बाद मधुमक्खी पालन को स्वरोजगार के रूप में अपनाने की इच्छा जताई.
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