छातापुर. सोशल मीडिया के जमाने में मोबाइल पर बहुओं के रील बनाने की बातें आये दिन आती रहती है. परंतु एक ऐसी बहू भी है जो शादी के बाद भी पढ़ाई करने की चाहत रखती है और दाखिला के लिए सास के साथ विद्यालय पहुंच गयी. नवमी कक्षा में दाखिले के बाद नित दिन सास के साथ विद्यालय पहुंच रही बहू प्रेरणा की श्रोत बन गयी. जो कि सोशल साइट्स पर भी खूब वायरल भी हो रही है. वह गरीब और महादलित परिवार की बहु है. यह वाकया प्रखंड क्षेत्र स्थित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय कटहरा खतवे टोला की है. कटहरा पंचायत वार्ड संख्या 13 में महानंद सरदार के पुत्र शनि कुमार से विगत माह में व्याही गई नीतू देवी अपने सास कविता देवी के साथ विद्यालय पहुंच रही है. विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं भी नवविवाहिता के नामांकन और नियमित विद्यालय आने से हर्षित हैं. लिहाजा सभी शिक्षकों ने मिलकर विद्यालय को देय एक वर्ष के शुल्क की भरपाई की है. छात्रा नीतू ने बताया कि वह सोहटा वार्ड संख्या 10 सरदार टोला निवासी अरविंद सरदार की पुत्री है, मध्य विद्यालय गिरिधरपट्टी से उन्होंने आठवीं पास की है, आगे पढ़ने की और लालसा थी. परंतु उसके माता पिता ने बीते 14 अप्रैल को उसकी शादी कर दी. ससुराल आने पर उन्होंने अपने पति और सास ससुर से पढ़ाई करने की इच्छा जताई. जिसपर ससुराल वालों ने उसके इच्छा का आदर किया और कहहरा स्थित विद्यालय में दाखिला करवा दिया. बताया कि ससुराल वालों का साथ मिला तो वह पूरे लगन के साथ कम से कम इंटर तक की पढ़ाई करेगी. बताया अपनी मां की तरह सास से स्नेह और सहयोग मिल रहा है जिससे उसे पढ़ाई करने का जज्बा और भी बढ़ गया है. वहीं विद्यालय में मौजूद सास कविता देवी ने बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय कलानंद साह टोला में रसोईया के रूप में कार्यरत है. प्रतिदिन बहू को विद्यालय पहुंचाकर अपने विद्यालय ड्यूटी करने आ जाती हूं. बताया कि उसकी भी दो पुत्री है और गरीबी के बावजूद दोनों को इंटर पास कराया उसकी शादी करवा दिया. बेटी और बहू में वह फर्क नहीं समझती है. इसलिए बहू को भी उन्होंने कम से कम इंटर तक पढ़ाई कराने का ठान लिया है. बताया कि इंटर पास करने के बाद सरकारी नौकरी प्राप्त करने का मौका मिल सकता है. इधर प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव कुमार रमन, चंदन कुमार झा, स्मिता ठाकुर, दिवाकर मिश्र, सुनिधि प्रिया, सुजाता कुमारी, नवीन कुमार साह, रवींद्र कुमार आर्या की माने तो गरीबी से जूझ रहे परिवार की बहू को दिलेर सास मिली है. सास और बहू को पढ़ाई के प्रति जिज्ञासा देखकर विद्यालय परिवार हर्षित है. अन्य सास बहुओं के लिए भी यह प्रेरणा का स्रोत बन गयी है.
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