वीरपुर : एक तरफ जहां सरकार द्वारा आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाये जाने को लेकर करोड़ों की राशि खर्च की जा रही है. साथ ही अधिकांश सड़कों में पुल-पुलिया का निर्माण हो या फिर सड़कों का ऊंचीकरण. चहुंओर चकाचक सड़कों को निर्माण कराया जा रहा है. वहीं कोचगामा पंचायत के दर्जनों गांव के लो मुख्य सड़क के बीच थलहा धार के ऊपर एक अदद पुल निर्माण के लिए तरस रहे हैं.
गौरतलब है कि उक्त धार के ऊपर लौह पुल निर्माण कार्य कराये जाने के लिए संबंधित विभाग द्वारा वर्ष 2008 में निर्माण प्रारंभ किया गया था. 75 फीसदी पुल निर्माण का कार्य संपन्न करा लिया गया था. पर उसी वर्ष कोसी नदी में आयी विभीषिका ने निर्माणाधीन पुल को अपने आगोश में ले लिया. इसके बाद इस पुल निर्माण की दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं की गयी. इस कारण दर्जनों गांव के लोगों को आवागमन की समस्या बनी हुई है.
सात वर्ष बाद भी नहीं बनाया गया पुलस्थानीय लोगों ने बताया कि कुसहा त्रासदी में ध्वस्त हुए निर्माणाधीन पुल के पुनर्निर्माण की दिशा में विभाग द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं की गयी है. इस कारण इस क्षेत्र के लोगों को प्रखंड मुख्यालय बसंतपुर सहित अन्यत्र स्थानों के आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
लोगों ने बताया कि संबंधित विभाग द्वारा पुल निर्माण का कार्य संपन्न नहीं कराया गया था. बताया कि विभाग को पुल के पुनर्निर्माण की दिशा में पहल करनी चाहिए. बताया कि पूर्व के प्राक्कलित राशि का शेष राशि सहित नये तरीके से तैयार कराये जाने को लेकर एक बजट बना कर विभाग से बिल पास कराना चाहिए,
ताकि यहां के लोगों को आवागमन की समस्या से निजात मिल सके.चचरी पुल के सहारे हो रहा आवागमन मालूम हो कि इस मार्ग से फुलका टोला, सहजपुर, बैरिया चौधरी, छोटा टापू, अररिया, घुरना, घुसकी, बाबूआन व महेशपट्टी सहित अन्य गांवों के लोगों का मुख्यालय पहुंचने का एक मात्र साधन है. विभागीय उदासीनता के कारण स्थानीय लोगों ने थलहा धार के उपर बांस की चचरी का पुल बना कर पार गमन की व्यवस्था की है. उक्त चचरी पुल से लोगों को पैदल आवाजाही करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग जान जोखिम में डाल कर दो पहिया वाहन से आवागमन भी कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां के लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या तब आती है, जब बीमार लोगों को पीएचसी भीम नगर ले जाया जाता है. बताया कि खास कर प्रसव पीड़ित महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बताया कि कभी- कभी रास्ते में ही प्रसव कराने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. उक्त समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने जन प्रतिनिधि व जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अविलंब इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.