राघोपुर. प्रखंड क्षेत्र स्थित रेफरल अस्पताल राघोपुर से शनिवार को मोतियाबिंद से पीड़ित 13 बुजुर्ग मरीजों को ऑपरेशन के लिए पटना भेजा गया. यह ऑपरेशन सरकार की एक विशेष स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पूर्णतः निशुल्क किया जा रहा है. योजना के तहत मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनके रहने, खाने और आने-जाने का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है.
रेफरल अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है. योजना के अंतर्गत मोतियाबिंद से ग्रसित बुजुर्गों का विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा निशुल्क ऑपरेशन कराया जाता है, जिससे उनकी आंखों की रोशनी पुनः लौट सके.इस अवसर पर ऑपरेशन के लिए जा रहे एक बुजुर्ग मरीज ने बताया कि उनकी एक आंख का ऑपरेशन पहले ही इसी योजना के तहत निशुल्क कराया जा चुका है. अब दूसरी आंख के ऑपरेशन के लिए उन्हें भेजा जा रहा है. उन्होंने इस योजना को बुजुर्गों के लिए वरदान बताते हुए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. अन्य बुजुर्ग मरीजों ने भी सरकार की इस जन कल्याणकारी पहल की सराहना की.
आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से दिया जा रहा योजना का लाभ
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीप नारायण राम ने बताया कि सरकार की इस पहल से गरीब, लाचार एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अब इलाज के लिए नेपाल के धरान, लहान या अन्य दूरस्थ स्थानों पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. रेफरल अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से निशुल्क जांच की जा रही है. जरूरतमंद मरीजों को दवा और चश्मा भी उपलब्ध कराया जा रहा है. यदि मरीज मोतियाबिंद से पीड़ित पाया जाता है, तो उसका ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क कराया जाता है. बीएचएम नोमान अहमद ने बताया कि इस योजना का लाभ आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से दिया जा रहा है. विभागीय पहल के तहत विजन सेंटर के खुलने से ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, गुरबा एवं वंचित लोगों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है. इस मौके पर डॉ राहुल झा, नेत्र सहायक सुभाष चंद्र मंडल, रोहित, रोशन सुमन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

