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बीएसएनएल की तार सेवा वर्षों से बाधित

छातापुर : भारत सरकार का उपक्रम बीएसएनएल की तार सेवाएं मुख्यालय में बीते कई वर्षों से बाधित है. तार सेवा बाधित रहने के कारण इसके उपभोक्ताओं को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर ब्रॉडबेंड कनेक्सनधारियों को इंटरनेट की निर्बाध सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर कई स्कीम चलायी गयी. लेकिन करीब दो […]

छातापुर : भारत सरकार का उपक्रम बीएसएनएल की तार सेवाएं मुख्यालय में बीते कई वर्षों से बाधित है. तार सेवा बाधित रहने के कारण इसके उपभोक्ताओं को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर ब्रॉडबेंड कनेक्सनधारियों को इंटरनेट की निर्बाध सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर कई स्कीम चलायी गयी. लेकिन करीब दो वर्ष से सुविधा बाधित है और इसके उपभोक्ता आर्थिक दोहन के शिकार हो रहे हैं.

वहीं सरकारी दफ्तरों में भी ऑनलाइन कामकाज निपटाने में दिक्कत हो रही है. बताया जाता है कि मुख्यालय में एसएच 91 पथ निर्माण तथा पथ के दोनों किनारे नाला निर्माण कार्य के दौरान जमीन के अंदर लगाया गया आप्टिकल फाइबर तार जगह-जगह पर टूटकर क्षत-विक्षत हो गया. मिट्टी खुदाई के क्रम में सड़क व नाला निर्माण कंपनी की मनमानी तथा दूरसंचार विभाग की लापरवाही के कारण तार टुकड़ों में बंट गया है.
नतीजतन मुख्यालय में उपभोक्ताओं के लिए बीएसएनएल सेवा भाई साहब नहीं लगेगा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. नतीजा है कि बेहतर और स्पीड सेवाओं की सुविधा का लालसा पालने वाले इनके उपभोक्ताओं का बीएसएनएल से अब मोह भंग हो गया है. परिणाम स्वरूप जैसे जरुरतमंद उपभोक्ताओं ने अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की गरज से इंटरनेट के निजी कंपनियों की ओर अपना रुख कर लिया है.
निजी कंपनियों से मिल रही राहत : बेपनाह फैल रही दूरसंचार क्रांति में जहां निजी कंपनियां फाइव जी स्पीड के दौर में प्रवेश कर रही है.
वहीं बदहाली का शिकार बीएसएनएल के अधिकारी अपने पुराने वजूद भी बचाने को सामने नहीं आ रहे. ब्रॉड बेंडधारी मुकेश कुमार यादव, मोनू बसेदार, रविकांत रवि आदि की मानें तो हजारों रुपये की लागत पर उन्होंने कनेक्शन लिया था. लेकिन सेवा बाधित रहने से सब बेकार हो गया. निजी कंपनियों खासकर जीओ के भरोसे ही उनकी जरुरते पूरी हो रही है.
मुख्यालय स्थित दूरभाष केंद्र में कार्यरत एकमात्र कर्मी मो मुस्तफा की मानें तो ऑप्टिकल फाइबर तार लंबे समय से क्षतिग्रस्त है. दुरुस्त करने का कार्य कब तक पूरा होगा, इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं है. विभागीय निर्देश पर बिजली खंभे के सहारे ऑप्टिकल फाइबर तार को केंद्र से पांच सौ मीटर दूर प्रखंड सह अंचल कार्यालय तक पहुंचाया गया है. इसके अलावे बस पड़ाव के समीप ब्राडबेंड उपभोक्ता मो नवीज को ही सुविधा उपलब्ध है.
जबकि सरकारी दफ्तरों को छोड़कर करीब दो दर्जन से अधिक ब्राडबेंड उपभोक्ता हैं. बताया कि इन दिनों सभी पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए विभाग के द्वारा ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम चल रहा है. परंतु मुख्यालय में तार सेवा कब तक दुरुस्त हो पायेगा, इसकी जानकारी शायद अधिकारियों को भी मालूम नहीं.

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