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पैसों की कमी के बीच छूटी पति की नौकरी, एक विज्ञापन से बदली किस्मत, अब दूसरों को दे रही हैं रोजगार 

Success Story of Archana: बिहार के सहरसा की अर्चना कुमारी ने पति की नौकरी छूटने के बाद मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से कप मैन्युफैक्चरिंग व्यवसाय शुरू किया. आज वह 20 हजार रुपए रोजाना कमा रही हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं. आर्थिक तंगी से निकलकर आत्मनिर्भर बनी अर्चना अब क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार मानती हैं.

Success Story of Archana of Saharsa: बिहार के सहरसा जिले में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक परिवार की जिंदगी में ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ ने नई रोशनी लाई है. अर्चना कुमारी जो कल तक आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं, आज वह आत्मनिर्भर बन अपना कारोबार कर रही हैं. उन्होंने उद्यमी योजना का लाभ उठाकर न केवल अपना कप मैन्युफैक्चरिंग व्यवसाय शुरू किया, बल्कि आज अपने कारोबार की बदौलत आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल कर जिला में दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं.

अर्चना ने सीएम नीतीश का किया धन्यवाद 

अर्चना कुमारी ने माना है कि ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ से उनके जीवन में बदलाव आया है. इस बदलाव के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद किया है. अर्चना कुमारी के पति की नौकरी साल 2024 में छूट जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी. हालांकि, अर्चना ने हार नहीं मानी. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अपना व्यवसाय शुरू किया. कड़ी मेहनत के दम पर उनकी और उनके परिवार की जिंदगी दोबारा पटरी पर लौट आई है.

मैं अब आत्मनिर्भर हो चुकी हूं: अर्चना 

अर्चना व्यवसाय से सिर्फ परिवार की जिंदगी ही नहीं, बल्कि दूसरों को रोजगार देकर भी जिंदगी बदल रही हैं. आज उनका व्यवसाय 20 हजार रुपए रोजाना की आय के साथ क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है. महिला उद्यमी अर्चना कुमारी ने कहा कि पति की नौकरी जाने के बाद परिवार का खर्चा चलाना काफी कठिन था. एक दिन हमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से शुरू की गई उद्यमी योजना के बारे में जानकारी मिली. योजना के लिए आवेदन किया. योजना के तहत जो राशि मिली, उससे व्यवसाय शुरू किया. मैं यकीन के साथ कह सकती हूं कि इस योजना ने मेरे पूरे जीवन को बदल कर रख दिया है.  मैं अब आत्मनिर्भर हो चुकी हूं. 

अर्चना के पति ने बताई कहानी 

उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय में मेरा पूरा परिवार सहयोग कर रहा है. पति, देवर और अन्य दो लोग पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं. संजीव कुमार कामत ने कहा कि मैं एक निजी कंपनी में कार्य कर रहा था, अचानक से 2024 में मुझे नौकरी से निकाल दिया गया. नौकरी नहीं होने की वजह से परिवार का खर्चा चलाना काफी कठिन था. कुछ महीने तो लोगों से कर्ज लेकर गुजारा किया लेकिन नौकरी नहीं होने की वजह से आर्थिक स्थिति और खराब होती गई. नौकरी के लिए कई जगह आवेदन भी किया. 

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विज्ञापन से मिली जानकारी 

उन्होंने कहा कि एक दिन विज्ञापन में मैंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में पढ़ा. मैंने तय कर लिया कि इस योजना के तहत आवेदन कर बिजनेस शुरू कर सकते हैं. मैंने पत्नी (अर्चना कुमारी) के नाम से आवेदन किया. आवेदन करने के बाद हमें लोन मिला, जिससे व्यवसाय शुरू किया. काम बहुत अच्छा चल रहा है. अभी कप बनाने का काम कर रहे हैं, मार्केट से भी अच्छा रिसपॉन्स मिल रहा है. आगे प्लेट बनाने का काम भी शुरू करेंगे. 

Nishant Kumar
Nishant Kumar
निशांत कुमार पिछले तीन सालों से डिजिटल पत्रकारिता कर रहे हैं. दैनिक भास्कर (बक्सर ब्यूरो) के बाद राजस्थान पत्रिका के यूपी डिजिटल टीम का हिस्सा रहें. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश-विदेश की कहानियों पर नजर रखते हैं और साहित्य पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं.

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