प्रतिनिधि, गोरेयाकोठी. थाना क्षेत्र के सिसई में दो दोस्तों की अर्थी शनिवार को एक साथ उठी. दोनों दोस्तों की अर्थी एक साथ उठते हीं गांववालों की आंखें नम हो गयी. थाना क्षेत्र चैनपुर पिपरा बाजार के पास शुक्रवार रात्रि एक सड़क दुर्घटना में दो युवकों की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस घटना के दूसरे दिन जैसे ही दोनों दोस्तों का शव एक साथ पोस्टमार्टम के बाद गांव सिसई गांव पहुंचा परिजन रोने लगे. पूरा गांव मातम में डूब गया. गांव के चूल्हे ठंडे हो गये. बताते चलें कि शुक्रवार कि सिसई गांव निवासी नीरज कुमार, मनमोहन शर्मा एवं आर्यन कुमार एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गोपालगंज जिले के बरौली जा रहे थे. रास्ते में चैनपुर पिपरा बाजार के समीप चालक ने बाइक से नियंत्रण खो दिया और बाइक एक पेड़ से टकरा गई. इस टक्कर में तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान नीरज कुमार और मनमोहन शर्मा की मौत हो गई. वहीं, तीसरे युवक आर्यन कुमार की स्थिति गंभीर होने के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्थान में रेफर कर दिया गया. पिता के साथ कार्पेंटर का काम करता था मनमोहन- दुर्घटना में जान गंवाने वाला पहला युवक मनमोहन शर्मा 18 वर्ष का था. वह अपने पिता धर्मेंद्र शर्मा के साथ कारपेंटर का काम करता था. तीन भाइयों में वह बीच का था. बड़े भाई मनीष कुमार शर्मा आइटीआइ कर रहा है. जबकि छोटा भाई आशीष कुमार शर्मा दसवीं कक्षा का छात्र है. मनमोहन की मौत ने परिवार की आर्थिक रीढ़ तोड़ दी है, क्योंकि वह कम उम्र में ही परिवार का सहारा बन चुका था. पारिवारिक स्थिति पहले से ही ठीक नहीं थी, ऐसे में मनमोहन की असमय मृत्यु ने उनके माता-पिता को गहरे दुख में डूबो दिया है. दूसरा मृतक नीरज कुमार शर्मा (26) जो सुदामा प्रसाद का बेटा था. वह चार भाइयों में तीसरा था और साउंड बजाने का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. नीरज की अभी शादी नहीं हुई थी. उनका बड़ा भाई विकास कुमार विशाखापट्टनम में प्राइवेट काम करता है, जबकि छोटा भाई मनीष ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कार्यरत है. नीरज की चार बहनें भी हैं, जिनकी अभी शादी नहीं हुई है. उनके जाने से न केवल माता-पिता का सहारा छीन गया, बल्कि बहनों के सपनों और भविष्य पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इस दुर्घटना में तीसरा युवक अर्जुन कुमार खतरे से बाहर बताया जा रहा है. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है. मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग हादसे की खबर फैलते ही गांव में शोक की लहर है. दोनों मृतकों के शव जब गांव लाए गये तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और घायल युवक के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करे. इसके साथ ही, ग्रामीणों ने सड़क सुरक्षा के इंतजाम बेहतर करने की भी मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
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