संवाददाता,सीवान.खुले में मांस बिक्री प्रतिबंधित होने के आदेश काहर दिन शहर के मुख्य बाजार व सड़कों पर उल्लंघन हो रहा है.अतीत में यहां रहे दो स्लाटर हाउस को बंद कर उसकी जमीन बेच देने की बात सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है.कहा जा रहा है कि पूर्व में स्लाटर हाउस की बंदोबस्ती होती थी.जिससे नगर परिषद को एक तय आमदनी भी होती थी भूमाफियाओं की कीमती जमीन पर नजर पड़ी तो नगर परिषद के कर्मियों की मिलीभगत कर व्यक्ति विशेष को लीज पर दे दी गयी.इसकी मुख्य सचिव से शिकायत के साथ ही जांच की मांग उठने लगी है. मालूम हो कि चमड़ा मंडी क्षेत्र में दो स्लाटर हाउस हुआ करते थे.वर्ष 2008 तक यहां के एक स्लाटर हाउस की बंदोबस्ती तक होती रही.इसके बाद चर्चा है कि नगर परिषद के कर्मियों के साथ मिलीभगत कर जमीन को लीज पर दे दिया गया.जिसके चलते निर्धारित स्थान पर वधशाला के कार्य करने के बजाय जहां -तहां मांस कटने लगे हैं. इस मामले में अधिवक्ता प्रफुल्ल रंजन ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि नगर परिषद के पदाधिकारियों,कर्मचारियों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अपने निजी लाभ के लिए भू-माफियाओं के साथ मिलकर नगरपालिका के पुराने वधशालाओं को ही बेच दिया है. नगर परिषद के पदाधिकारियों,कर्मचारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा अपने निजी लाभ के लिए भू-मफिया के साथ मिलकर नगरपालिका की वधशालाओं को बेचने और सुनियोजित तरीके से नगरपालिका को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. इस संबंध में पूछे जाने पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व में स्लाटर हाउस होने की बात मेरे जानकारी में नहीं है.साथ ही कोई शिकायती पत्र भी हमें नहीं मिली है.मैं स्वयं संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करूंगा.
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