सीवान.स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन 10 टीबी के सैंपलों की जांच करने का निर्देश दिया गया.स्वास्थ्य विभाग की नयी गाइड लाइन के अनुसार अब जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा एक लाख की आबादी में कम से कम दो हजार लोगों की एक साल में टीबी की जांच करनी होगी.विभाग का कहना है कि 2015 में राज्य के अनुमानित वार्षिक टीबी इंसीडेंस रेट प्रति लाख 444 की तुलना में वर्ष 2022 में 349 प्रति लाख का आकलन किया गया.विभाग का मानना है कि कार्यक्रम की समीक्षा कम में पाया गया कि राज्य स्तर पर लक्ष्य 2000 प्रति लाख की तुलना में वार्षिक टीबी इंसीडेंस रेट 2024 में मात्र 621 प्रति लाख टीबी की जांच प्रतिवेदित है.विभाग का कहना है कि सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कृत संकल्प है. टीबी का समय से जांच एवं उपचार की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राज्य में कुल 84 सीबीनेट, 439 ट्रूनेट स्थापित है.भारत सरकार से प्राप्त जांच किट एवं चिप्स के अतिरिक्त बीएमएसआइसीएल के माध्यम से भी नियमित आपूर्ति हेतु क्रय कर लिया गया है.राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आवश्यकतानुसार प्रयोगशाला प्रावैधिक की नियुक्ति कर जिलों में पदस्थापित किया जा चुका है. जांच की गति बढ़ाने के लिए सीवान के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में लगाए गये 10 ट्रूनेट मशीन सीवान जिले के मात्र 06 स्वास्थ्य केंद्रों पर ही पहले ट्रूनेट मशीन से टीबी जांच की व्यवस्था थी.लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के अन्य 10 स्वास्थ्य केंद्रों में भी टीबी जांच के लिए ट्रूनेट मशीन लगा दिया गया.पहले मैरवा,बसंतपुर,हसनपुरा, बड़हरिया,महाराजगंज एवं रघुनाथपुर में ही ट्रूनेट मशीन से जांच होती थी.स्वास्थ्य विभाग के नये निर्देश के अनुसार जिला यक्ष्मा केंद्र के अलावे अब मैरवा एवं बसंतपुर में भी सीबीनेट मशीन से टीबी की जांच होगी.इसके लिए जिला यक्ष्मा केंद्र के चार कार्टेज वाली दो सीबीनेट मशीनों में एक को मैरवा तथा दूसरे को बसंतपुर में लगाया जायेगा.यह की ट्रूनेट मशीन को दरौली तथा गोरेयाकोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भेज दिया जाएगा.जिला यक्ष्मा केंद्र में आठ कार्टेज वाली सीबीनेट तथा क़्वाटरों ट्रूनेट मशीन से जांच होगी.आठ कार्टेज वाली इस नयी सीबीने ट मशीन से एक ही बार में आठ सैंपलों का टीबी बीमारी की जांच सहित टीबी बीमारी में दिये जाने वाले फर्स्ट लाइन चारों दवाओं के रेसीस्ट होने की भी जानकारी देती है. यक्ष्मा विभाग में पहले से चार कार्टेज वाली दो सीबीनेट मशीन काम कर रही है. इस मशीन से जांच में मात्र एक दवा रिफाम्पिसिन के रेसीस्ट होने की जानकारी मिलती है.आठ मॉड्यूल की सीबीनेट मशीन रिफॉम्पिनसीन के साथ लोवोफ्लोक्सासीन एवं मॉक्सीसाइक्लीन के रेसिस्ट होने की जानकारी मिलती है. क्या कहते हैं जिम्मेदार सीवान जिले में पहले से ही हमलोग एक साल में एक लाख की आबादी पर तीन हजार टीबी जांच करने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहें हैं.सीवान में प्रतिमाह लगभग 6 हजार सैंपल की जांच हो जाती है.जो नये लक्ष्य से अधिक है.10 नए ट्रूनेट मशीन को इंस्टॉल किया गया है. डॉ.अनिल कुमार सिंह, सीडीओ,सीवान
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है