प्रतिनिधि, सीवान. जिले में गैर संचारी रोग को लेकर 20 फरवरी से 40 दिनों के लिए स्पेशल ड्राइव की शुरूआत की गयी है. जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अब्दुल शमीम खान ने बताया कि यह कार्यक्रम जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में चलायी जा रही है. इस कार्यक्रम के तहत 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों की उच्च रक्तचाप से लेकर मधुमेह तक की जांच की जाती है. इसके कार्यक्रम के पीछे उद्देश्य है कि यदि समय पूर्व इस तरह के रोग की जांच होकर रोग का पता चल जाता है तो समय पर रोग का उपचार हो जायेगा और रोगी की परेशानी बढ़ने से पहले रोगी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. इस कार्यक्रम में चिकित्सक व आशा समेत एनसीडी कर्मियों को लगाया गया है. जिला कार्यक्रम प्रबंधक बनाये गये नोडल पदाधिकारी सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष अभियान के तहत एनसीडी विशेष स्क्रीनिंग अभियान का शत प्रतिशत सफल संचालन को लेकर जिला कार्यक्रम प्रबंधक विशाल कुमार सिंह को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.जबकि जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी एवं वित्त- सह- लॉजिस्टिक सलाहकार , जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, जिला योजना समन्वयक को प्रतिदिन के निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप संपादित कार्यों का अनुश्रण एवं निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि प्रखंडवार लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्टॉफ नर्स, एएनएम के अलावा एनसीडी क्लिनिक पर कार्यरत कर्मियों को लक्ष्य उपलब्ध कराते हुए शत प्रतिशत एनसीडी स्क्रीनिंग कराना सुनिश्चित किया गया है. मार्च तक लक्ष्य की प्राप्ति करना है. कार्यक्रम का उद्देश्य प्रारंभिक निदान, प्रबंधन और रेफरल के लिए जागरूकता पैदा करना जिला ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अब्दुल शमीम खान ने बताया कि गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को वर्ष 2010 में मुख्य रूप से गैर- संचारी रोगों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य प्रारंभिक निदान, प्रबंधन और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर रेफरल के लिए जागरूकता पैदा करना है. एनसीडी में हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, मधुमेह और पुरानी फेफड़ों की बीमारी को शामिल किया गया है.क्योंकि पूरे विश्व में होने वाली सभी मौतों में से 74प्रतिशत के लिए केवल गैर संचारी रोग ही जिम्मेदार हैं.इसका मुख्य कारण अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और तंबाकू और शराब का सेवन माना जाता है. हालांकि इसके लिए जिले के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर एनसीडी स्क्रीनिंग आयोजित कर लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के लिए संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा अपने स्तर से प्रचार- प्रसार किया जाता है. ताकि अधिक से अधिक लोग एनसीडी स्क्रीनिंग का लाभ उठा सकें.क्योंकि एनसीडी बीमारी 30 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्तियों में होने की संभावना अधिक होती है
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