प्रतिनिधि,सीवान. जिले के पुलिस पदाधिकारी को इ-साक्ष्य एप के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है.जिसमें डिजिटल रूप में जुटाये गये साक्ष्य व आपराधिक मामलों की जांच तथा मुकदमा चलाने में किया जाता है. शनिवार को आंबेडकर संवाद कक्ष में एसपी नीरज कुमार के द्वारा पुलिस पदाधिकारी को ट्रेनिंग दी गई. उन्हें इसके बारे में बताया जा रहा है कि कैसे डिजिटल रूप से साक्ष्य को लैपटॉप या मोबाइल में अपलोड कर सकते हैं. एसपी ने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचकर कैसे अपने लैपटॉप या मोबाइल पर साक्ष्य रिकॉर्ड कर सकते हैं. इ-साक्ष्य एप, पुलिस को आपराधिक मामलों में साक्ष्य रिकॉर्ड करने और प्रबंधित करने में मदद करता है.इसके फायदे के बारे में भी बताया गया कि इ-साक्ष्य एप पुलिस की कार्रवाई को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाता है. इसमें अपराध स्थल की तलाशी और जब्ती की गतिविधियों की रिकॉर्डिंग की जा सकती है. साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना कम होती है . साक्ष्यों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में आसानी होती है. साक्ष्यों को फ़ॉरेंसिक जांच के लिए भेजने में सुविधा होती है. जिले के जितने भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं किसको डिजिटल रूप से देख सकते हैं. जानकारी दी गई की ई-साक्ष्य एप को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एनआईसी ने विकसित किया है. यह एप आपराधिक न्याय प्रणाली में डिजिटल बदलाव का हिस्सा है. मोबाइल आधारित यह एप्लीकेशन पुलिस को अपराध स्थल को रिकॉर्ड करने, आपराधिक मामले में तलाशी और जब्ती करने व फाइल को क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने में मदद करेगा. प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिस अधिकारी को एक सेल्फी अपलोड करनी होगी. पुलिस के साथ साझा किये गये विवरण के अनुसार, प्रत्येक रिकॉर्डिंग अधिकतम चार मिनट लंबी हो सकती है और प्रत्येक एफआइआर के लिए ऐसी कई फाइलें अपलोड की जा सकती हैं.ट्रेनिंग लेने वालों में साइबर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार,महिला थानाध्यक्ष, एससी एसटी थानाध्यक्ष अखिलेश पासवान व अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे.
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