सीवान : लोकायुक्त के आदेश के बाद बिहार सरकार के परिपत्र के आलोक में हड़ताल पर उतरे सफाईकर्मियों द्वारा धरना-प्रदर्शन किये जाने के बाद उसी तीन फरवरी की रात में नगर पर्षद कार्यालय में आगजनी की घटना घटी जिसमें नजारत में लगी इससे कार्यालय में रखे कई महत्वपूर्ण कागजात जल गये. इस घटना के बाद नप के पदाधिकारी ने उस कमरे को सील कर उच्चाधिकारियों से इस मामले की फोरेंसिक जांच का आग्रह किया गया इस आग्रह के 15 दिन बीतने पर भी इस मामले की जांच नहीं शुरू हो पाई है.
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आगजनी के 14 दिन बाद भी नप कार्यालय का नहीं खुला ताला
सीवान : लोकायुक्त के आदेश के बाद बिहार सरकार के परिपत्र के आलोक में हड़ताल पर उतरे सफाईकर्मियों द्वारा धरना-प्रदर्शन किये जाने के बाद उसी तीन फरवरी की रात में नगर पर्षद कार्यालय में आगजनी की घटना घटी जिसमें नजारत में लगी इससे कार्यालय में रखे कई महत्वपूर्ण कागजात जल गये. इस घटना के बाद […]
इस आगजनी में नप के प्रधान लिपिक और नाजिर के केबिन में रखें रखें सभी दस्तावेज व नप कार्यालय के जरूरी फाइल जलकर राख हो गये. इस घटना के बाद नगर पर्षद के कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार ने ताला बंद करा दिया और आग लगी के घटना को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की.
घटना के 14 दिन बाद भी कार्यालय की जांच या आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है. हड़ताली सफाईकर्मियों के साथ हुए समझौते के बाद शहर की सफाई के कार्य तो प्रारंभ हो गया है लेकिन राजस्व जुटाने वाला मुख्य कार्यालय अभी भी बंदी की मार ही झेल रहा है
क्योंकि मुख्य लिपिक का कार्यालय सील होने के कारण किसी भी खंड का कागज आगे नहीं बढ़ सकता ऐसे में अगर कोई काम होगा भी तो वह मुख्य लिपिक के पास पहुंचेगा कैसे? कार्यालय सील होने के कारण एक तरह से नप को अब तक करोड़ों के राजस्व की चपत लग चुकी है.
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