सीवान/जीरादेई : सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है. शायद ही ऐसा घर होगा कि इन नौ दिनों में आदि शक्ति जगदंबा की उपासना न होता हो. इन नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा की भक्ति में भाव विभोर हो जाते है. शारदीय नवरात्र आश्चिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होंगे. इस दिन हस्त नक्षत्र, ब्रह्म योग, प्रतिपदा तिथि के दिन शारदिय नवरात्रों का पहला नवरात्रा होगा.
माता पर श्रद्धा व विश्वास रखने वाले व्यक्तियों के लिए यह दिन विशेष रहेगा. शारदीय नवरात्रों का उपवास करने वाले इस दिन से पूरे नौ दिन का उपवास विधि-विधान के अनुसार रख, पुण्य प्राप्त करेंगे. पंडित गोपाल तिवारी ने बताया कि आश्विन मास में शुक्लपक्ष कि प्रतिपदा से प्रारंभ होकर नौ दिन तक चलने वाला नवरात्र शारदीय नवरात्र कहलाता है. नव का शाब्दिक अर्थ नौ है.
इसके अतिरिक्त इसे नव अर्थात नया भी कहा जा सकता है. शारदीय नवरात्रों में दिन छोटे होने लगते है. मौसम में परिवर्तन प्रारंभ हो जाता है. प्रकृति सर्दी की चादर में सिकुडने लगती है. ऋतु के परिवर्तन का प्रभाव जनों को प्रभावित न करे, इसलिए प्राचीन काल से ही इस दिन से नौ दिनों के उपवास का विधान है.
इस अवधि में उपवासक संतुलित और सात्विक भोजन कर अपना ध्यान चिंतन और मनन में लगाने से स्वयं को भीतर से शक्तिशाली बना सकता है. इन नौ दिनों को शक्ति की आराधना का दिन भी कहा जाता है. नौ दिनों तक माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. हर दिन का विशेष महत्व होता है क्योंकि हर दिन माता के अलग रूप की पूजा होती है.
29 सितंबर से शुरू हो रहा नवरात्र
इस बार सात अक्तूबर को महानवमी और आठ को दशहरा मनाया जायेगा. इस बार शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में 6 दिन विशेष योग बनेंगे. जिसकी वजह से नवरात्रि की पूजा काफी शुभ और फलदायी होगी.
29 सितंबर को प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना
30 सितंबर को अमृत सिद्धि योग
एक अक्तूबर को रवि योग
दो को अमृत और सिद्धि योग
तीन अक्तूबर को सर्वार्थ सिद्धि
चार अक्तूबर को रवि योग
पांच अक्तूबर को रवि योग
छह को सर्व सिद्धि योग रहेगा.
शुभ संयोग में मनेगा दशहरा
पंडित वशिष्ठ तिवारी ने बताया कि नवमी के अगले दिन दशहरा का त्योहार है. सात अक्तूबर 2019 को महानवमी दोपहर 12.38 तक रहेगी. इसके बाद दशमी यानी दशहरा होगा. आठ अक्तूूबर को विजयदशमी रवि योग में दोपहर 2.51 तक रहेगी.
यह बहुत ही शुभ मानी गयी है. मां दुर्गा की आराधना से जीवन के अनेक शुभ लक्षणों जैसे धन, ऐश्वर्य, पत्नी, पुत्र, पौत्र व स्वास्थ्य से युक्त हो जीवन के अंतिम लक्ष्य मोक्ष को भी सहज ही प्राप्त कर लेता है. इतना ही नहीं बीमारी, महामारी, बाढ़, सूखा, प्राकृतिक उपद्रव व शत्रु से घिरे हुए किसी राज्य, देश व संपूर्ण विश्व के लिए भी मां भगवती की आराधना परम कल्याणकारी है.