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साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने से जिरह बाकी

सीवान : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में तेजाब हत्याकांड में अभियोजन द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है. इस मामले में नौ अभियुक्तों के खिलाफ छह अक्तूबर, 2012 को आरोप गठित किया गया था. दो सहोदर भाइयों की हत्या के मामले में अभियोजन ने पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद व […]

सीवान : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में तेजाब हत्याकांड में अभियोजन द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है. इस मामले में नौ अभियुक्तों के खिलाफ छह अक्तूबर, 2012 को आरोप गठित किया गया था. दो सहोदर भाइयों की हत्या के मामले में अभियोजन ने पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद व भाई नीतीश राज को साक्ष्य के लिए कोर्ट में उपस्थित कराया है, परंतु इस मामले में नीतीश राज का जिरह बाकी है.

बता दें कि 16 अगस्त, 2004 को बड़हरिया स्टैंड की दुकान व यादव मार्केट की दुकान से शहाबुद्दीन के इशारे पर अपराधियों द्वारा सतीश कुमार उर्फ सोनू, गिरिश कुमार उर्फ निक्कू का अपहरण कर तेजाब से नहला कर हत्या करने का आरोप है.
कलावती देवी के बयान पर मुफस्सिल थाना कांड संख्या 131/2004 दर्ज की गयी थी. इस मामले में मंडल कारा में गठित विशेष न्यायालय द्वारा मो शहाबुद्दीन, राजकुमार साह, शेख आलम, मुन्ना मियां के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनायी जा चुकी है. चारों सजा काट रहे हैं.
दूसरी तरफ इसी कांड का पूरक अभिलेख एडीजे वन की अदालत में साक्ष्य के लिए चल रहा है. इस मामले में सूचिका कलावती देवी, विशाल सोनी, भगवान जी, बरिस्टर यादव, राजेश कुमार, आरक्षी निरीक्षक अरुण रजक, धर्मदेव राम व विजेंद्र कुमार शाही की गवाही होनी है. इनमें नीतीश राज का परीक्षण हुआ है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा नीतीश राज का जिरह पूरा नहीं किया गया है.
गौरतलब हो कि पिछली तिथि में चर्चित तेजाब हत्याकांड के मामले में एडीजे वन विनोद शुक्ल की अदालत में चंदा बाबू के यहां तैनात सुरक्षा गार्ड के अवकाश पर चले जाने के कारण गवाह नीतीश राज को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जा सका. इस बार भी अभियोजन द्वारा साक्ष्य नहीं लाने के चलते गवाही का जिरह नहीं हो सका है.
तेजाब हत्याकांड में भाइयों ने दी गवाही
सीवान. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में चर्चित तेजाब हत्याकांड के मामले में सहोदर भाई नीतीश राज ने अपनी गवाही दी है. गवाह की हाजिरी एपीपी अच्छेलाल यादव ने दी. बचाव पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता ईष्टदेव तिवारी ने आंशिक जिरह किया.
गवाह को घर से प्रशासन द्वारा विशेष सुरक्षा में प्रस्तुत किया गया था. बता दें कि 16 अगस्त, 2004 को अपराधियों ने नगर थाने के यादव मार्केट निवासी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों का दो अलग-अलग दुकानों से अपहरण कर लिया गया था.
अपहरण करने के बाद शहाबुद्दीन के इशारे पर अपराधियों ने तेजाब से नहला कर दोनों भाइयों की हत्या कर शव को लापता कर दिया था. मामले में एक भाई सतीश राज उर्फ सोनू यादव मार्केट वाली दुकान पर बैठा था तो दूसरा गिरिश कुमार उर्फ निकू बड़हरिया बस स्टैंड दुकान में बैठा था.
मामले में मंडल कारा में गठित विशेष अदालत पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन, राजकुमार साह, शेख असलम, मुन्ना मियां उर्फ आरिफ हुसैन को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. यह मामला अदालत में नागेंद्र तिवारी, छोटेलाल शर्मा, कन्हैया लाल, मकसूद मियां, टुन्ना मियां, झब्बू मियां, अजमेर मियां, अाफताब मियां व राशिद मियां के खिलाफ चला रहा है.

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