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सीवान : कोर्ट में ही कानून के रखवालों ने उड़ायीं कानून की धज्जियां
सीवान : व्यवहार न्यायालय के अवर न्यायाधीश-11 नरेंद्र पाल सिंह ने नगर थाना में आवेदन देकर वादी के अधिवक्ता भृगुनाथ तिवारी, अवरेंद्र नारायण सिंह, ओमप्रकाश यादव वादी रंगजी दुबे व कुछ अज्ञात साक्षी के खिलाफ अपने न्यायालय में गवाही के दौरान प्रतिवादी के साथ मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया है. थाना […]
सीवान : व्यवहार न्यायालय के अवर न्यायाधीश-11 नरेंद्र पाल सिंह ने नगर थाना में आवेदन देकर वादी के अधिवक्ता भृगुनाथ तिवारी, अवरेंद्र नारायण सिंह, ओमप्रकाश यादव वादी रंगजी दुबे व कुछ अज्ञात साक्षी के खिलाफ अपने न्यायालय में गवाही के दौरान प्रतिवादी के साथ मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया है. थाना में दिये आवेदन में उन्होंने आरोप लगाया है कि सात जुलाई को वे अपने न्यायालय में टीएस 323/2002 में साक्षी बृजकिशोर दीक्षित का साक्ष्य लिख रहा था.
उस वक्त अधिवक्ता रघुनाथ तिवारी उक्त साक्षी का प्रतिपरीक्षण कर रहे थे. 1.25 मिनट पर वादी के अधिवक्ता भृगुनाथ तिवारी, अवरेंद्र नारायण सिंह, ओमप्रकाश यादव तथा वादी रंगजी दूबे वहां आये तथा प्रतिवादी के निकेश नाथ तिवारी के साथ मारपीट व गाली-गलौज करने लगे. पीठासीन पदाधिकारी के रूप में मैंने उन्हें ऐसा करने से रोका.
इस दौरान पीठासीन पदाधिकारी ने प्रतिवादी के अधिवक्ताओं से कानून को अपने हाथों में नहीं लेने तथा शांति बनाये रखने की अपील की. इसके बावजूद उन लोगों ने न्यायालय से प्रतिवादी निकेश नाथ तिवारी को बाहर खींचने का प्रयास कर रहे थे.
इसके बाद पीठासीन पदाधिकारी के अंगरक्षक विजय कुमार व वहां उपस्थित अन्य अधिवक्ताओं ने माहौल शांत करने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और प्रतिवादी के साथ मारपीट करते रहे. पीठासीन पदाधिकारी ने आवेदन में लिखा है कि बाद में निकेशनाथ तिवारी ने बताया कि अधिवक्ता भृगुनाथ तिवारी के लड़के ने केश की फाइल, नौ हजार कीमत की मोबाइल व तीन हजार नकद रुपये छीन कर पावर का चश्मा तोड़.
अपने आवेदन में अवर न्यायाधीश नरेंद्र पाल सिंह ने पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि उपरोक्त व्यक्तियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करें ताकि न्यायालय की गरिमा कायम रहें और पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिल सके. इस दौरान अवर न्यायाधीश के कोर्ट में बेंच लिपिक अली जाफर, साक्ष्य लेखक सह टंकक राजेश कुमार, आदेश पाल राजीव कुमार तथा अधिवक्ता राजू कुमार मिश्र, प्रदीप कुमार शर्मा, राधाकृष्ण शाही एवं अन्य अधिवक्ताओं घटना के समय उपस्थित थे.
इसकी कॉपी पीठासीन पदाधिकारी ने जिला जज ओमप्रकाश राय, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश तिवारी व सचिव शंभूदत्त शुक्ल को दी है. पुलिस अधीक्षक नवीन चंद्र झा ने बताया कि एसीजेएम दो का आवेदन मिलने के बाद नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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