प्रतिनिध, सीवान. अपर जिला न्यायाधीश सह विशेष अदालत उत्पाद द्वितीय राजेश कुमार द्विवेदी की अदालत ने शुक्रवार को शराब के कारोबार में शामिल मुख्य आरोपी रमेश गिरी को कांड का दोषी पाते हुए 10 वर्ष की कठोर कारावास की सजा दी है. अदालत ने अभियुक्त पर आर्थिक दंड स्वरूप एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतान पड़ेगी. बताया जाता है कि 14 अप्रैल 2019 को मुफस्सिल थाना को गुप्त सूचना मिली कि मुफ्फसिल थाना अंतर्गत अमलोरी के पास विद्या सिंह के बगीचा में शराब का एक कारोबारी शराब की बिक्री करने आया है. पुलिस को यह भी सूचना मिली कि उसके अन्य दो साथी ग्राहक की तलाश में निकले हुए हैं. पुलिस संध्या आठ बजे जब विद्या सिंह के बगीचे में छापामारी किया तो अंधेरे का लाभ लाते हुए अन्य अभियुक्त भाग निकले. जबकि रमेश गिरी पकड़ा गया. रमेश गिरी के पास से 36 लीटर शराब बरामदहुआ. उसने अपने को मीरगंज थाना के छाप मठिया निवासी बताया. पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मामले में सुनवाई हुई. बचाव की ओर से अधिवक्ता अनिल सिंह ने बहस किया. जबकि अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार पाठक ने अदालत का ध्यान आकर्षित करते हुए स्पष्ट किया की सरकार शराब पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं और इसके लिए वह कड़े कानून बनाने के साथ-साथ कई कठोर कारर्वाइयां भी कर रही है. बावजूद निर्भय होकर शराब के कारोबारी इस धंधे में लगे हुए हैं. ऐसी स्थिति में उक्त शराब कारोबारी को कठोर से कठोर सजा दिए जाने की आवश्यकता है. ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जाए. अदालत दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात उत्पाद अधिनियम की धारा 30 (a) के अंतर्गत उपरोक्त सजा सुनाई है. बताया जाता है कि यह पूर्व में भी शराब के मामले में जेल जा चुका था.
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