सुरसंड/परिहार (सीतामढ़ी) परिहार थाने के बराही गांव से पश्चिम स्थित श्मशान के समीप एसएच 87 पर सोमवार को सुबह तेज रफ्तार पिकअप पलट गयी. इसमें उस पर सवार एक युवक व एक महिला की मौत हो गयी. डेढ़ दर्जन महिला-पुरुष व बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गये. स्थानीय लोगों की मदद से सभी को यात्री टेंपो से इलाज के लिए सुरसंड सीएचसी ले जाया गया. वहां ड्यूटी पर तैनात डॉ मो अतीक, एएनएम निशा रानी व जीएनएम नीतू कुमारी ने प्राथमिक उपचार के बाद सरकारी व प्राइवेट एंबुलेंस से सीतामढ़ी सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
मृत युवक गौरीशंकर राय उर्फ भदई राय (35) परिहार थाने के नोनाही वार्ड संख्या आठ निवासी मोहित राय का पुत्र था. महिला जीरन देवी (60) उक्त वार्ड के ही देवन राय की पत्नी थी. गंभीर रूप से जख्मी रामवीर राय की पुत्री सुमन कुमारी (17) व राकेश राय की पत्नी का इलाज सीतामढ़ी में निजी क्लिनिक में चल रहा है. आंशिक रूप से जख्मी नरेश राय की पत्नी सावित्री देवी (28), बुधन राय की पत्नी राधा देवी (24), रामवीर राय की पुत्री हरिता कुमारी (आठ), गौरीशंकर राय की पुत्री चांदनी कुमारी (10), शंकर साफी के पुत्र चंदन कुमार (28), अशोक राय के पुत्र सुमित कुमार (आठ), बिजली राय के पुत्र अंकित कुमार (10), बबन कुमार की पत्नी रागिनी देवी (28), महेंद्र राय की पुत्री रंजू कुमारी (14) व सुरसंड थाने के हर्रि गांव निवासी मुकेश कुमार के पुत्र मलकित कुमार (24) खतरे से बाहर बताये गये है.
जानकारी के अनुसार पिकअप पर सवार हो सभी लोग गौरीशंकर राय उर्फ भदई राय के मन्नत के चढ़ावा को लेकर नेपाल के परौल स्थान जा रहे थे. सूचना मिलते ही सुरसंड थानाध्यक्ष धनंजय कुमार पांडेय, प्रशिक्षु पुअनि राजीव कुमार पांडेय व परिहार थाना के सअनि बसंत राज पुलिस बल व महिला कांस्टेबल के साथ सीएचसी पहुंचे. कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सीतामढ़ी सदर अस्पताल भेज दिया. घटना की सूचना पर सीएचसी पहुंचे मृतक व जख्मी के परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. करीब एक घंटा तक वहां अफरा तफरी मची रही. घटना के बाद चालक पिकअप छोड़ फरार हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि घटना के लिए जिम्मेवार पिकअप नोनाही गांव निवासी रामलाल राय की है. रामलाल राय का भाई जितेंद्र राय पिकअप चला रहा था.
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घटना के बाद सीएचसी पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि गौरीशंकर राय उर्फ भदई राय के लिए ही मानी गयी मन्नत पूरी करने के लिए सभी लोग नेपाल के परौल स्थान चढ़ावा को जा रहे थे. किसे पता था कि चढ़ावा से पूर्व ही गौरीशंकर आस्था की भेंट चढ़ जायेगा. घटना के बाद भी बलि प्रदान के लिए पिकअप से ले जाया जा रहा बकरा (खस्सी) पूरी तरह सुरक्षित था.
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