डुमरा. संभावित बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन बाढ़ पूर्व तैयारियां शुरू कर दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के स्तर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार अंचलवार आवश्यक जानकारी संग्रह किया जा रहा है. वहीं, आवश्यक खाद्य सामाग्रियों का निविदा के माध्यम से रेट कॉन्ट्रैक्ट करा लिया गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर ससमय सामग्री उपलब्ध हो सके. वहीं, पशु दवा के लिए निविदा प्रक्रियाधीन है. बताया गया हैं कि जिले में पूर्व से उपलब्ध पॉलीथिन शीट्स के अलावे नोडल जिला से 35 हजार पॉलीथिन शीट्स की अधियाचना किया गया है. वहीं, 15 जून से जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा में नियंत्रण कक्ष को कार्यरत किया जायेगा, 24 घंटे तटबंधों व नदियों के जलस्तर की सूचना प्राप्त करेगी.
— तटबंधों की सुरक्षा के लिए अभियंता करेंगे पेट्रोलिंग
जल संसाधन विभाग के बागमती प्रमंडल, सीतामढ़ी व रुन्नीसैदपुर के अंतर्गत सभी तटबंधों पर अभियंताओं की निगरानी रहेगी. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीएम को भेजे गाइडलाइन में बताया है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से तटबंधों की स्थिति के संबंध में प्रतिवेदन प्राप्त कर मानसून से पूर्व आवश्यकता के अनुरूप मरम्मति का कार्य पूर्ण करा ले. साथ ही तटबंधों का निरीक्षण कर संवेदनशील स्थानों पर तटबंधों के मरम्मति व सुदृढ़ीकरण की कार्रवाई की जाये. जल संसाधन विभाग समेत अन्य विभागों के कनीय अभियंताओं के साथ पेट्रोलिंग टीम बनाने का भी सुझाव दिया गया है.
— बागमती प्रमंडल, सीतामढ़ी के अंतर्गत तटबंध
▪︎ बागमती दायां तटबंध- बैरगनिया
▪︎ बैरगनिया रिंग बांध- बैरगनिया▪︎ दोआब तटबंध- बैरगनिया
▪︎ अधवारा दायां तटबंध- बथनाहा, बाजपट्टी, पुपरी▪︎ अधवारा बायां तटबंध- बथनाहा, बाजपट्टी, पुपरी
▪︎ एफ्लक्स बांध- पुपरी▪︎ जमला स्कूल तटबंध- सुप्पी, मेजरगंज
▪︎ रातो रिंग बांध- सुरसंड— बागमती प्रमंडल रुन्नीसैदपुर के अंतर्गत तटबंध
▪︎ बागमती दायां तटबंध- रुन्नीसैदपुर, ▪︎ बागमती बायां तटबंध- परसौनी, बेलसंड, रुन्नीसैदपुर— चिन्हित किये गए 201 बाढ़ शरण स्थल
जिले में 201 बाढ़ शरण स्थल चिन्हित किया गया है. इन शरण स्थलों पर प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना बनाया जा रहा है. इन शरण स्थलों पर आने वाले बाढ़ प्रभावितों के पंजीकरण के लिए एक रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा. साथ ही नवजात शिशुओं के टीकाकरण, प्रसव की व्यवस्था, भोजन बनाने की उपस्कर, छह माह से दो वर्ष के बच्चों के लिए विशेष भोजन व सैनेटरी किट की व्यवस्था की जाएगी. बताया गया कि बेलसंड में 10, बोखड़ा में 8, चोरौत में 13, डुमरा में 30, मेजरगंज में 8, नानपुर में 17, परिहार में 18, परसौनी में 7, पुपरी में 14, रुन्नीसैदपुर में 9, रीगा में 10, सोनबरसा में 20, सुप्पी में 4 एवं सुरसंड अंचल में 33 शरण स्थल चिन्हित किया गया है. — एसओपी के अनुरूप इन बिंदुओं पर हो रही तैयारी▪︎ प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र से त्वरित सूचना का प्रेषण
▪︎ संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र व संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान ▪︎ जिले के सभी तटबंधों की सुरक्षा ▪︎ वर्षाऋतु में प्रतिदिन नदियों के जलस्तर की सूचना प्राप्त करना▪︎ नाव परिचालन के लिए नाव मालिकों से एकरारनामा
▪︎ खाद्य सामग्री, मानव दवा, पेयजल, पशु चारा व पशु दवा की व्यवस्था▪︎ बाढ़ आश्रय स्थल व शरण स्थल की पहचान
▪︎ सामुदायिक रसोई व मेडिकल कैंप ▪︎ वैकल्पिक फसलों के लिए आकस्मिक फसल योजना का सूत्रण — संभावित बाढ़ को लेकर अबतक की तैयारी▪︎ निजी नाव की संख्या- 16
▪︎ उपलब्ध पॉलीथिन शीट्स- 23274
▪︎ अधियाचित पॉलीथिन शीट्स- 35000 ▪︎ लाइफ जैकेट की संख्या- 25 ▪︎ प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या- 101▪︎ खोज, बचाव व राहत दल की संख्या- 146
▪︎ चिन्हित शरण स्थलों की संख्या- 201
— इन स्थानों से नदियों के जलस्तर पर होगी निगरानी स्थान नदी खतरे का निशानढेंग रेलवे पुल बागमती 71.00 मीटर
सोनाखान बागमती 68.80 मीटर
डुब्बाघाट बागमती 61.28 मीटर चंदौली बागमती 59.06 मीटर कटौझा बागमती 55.00 मीटर सोनाखान झीम 81.85 मीटर सुन्दरपुर अधवारा 61.70 मीटर पुपरी अधवारा 55.79 मीटर गोआवाड़ी लालबकेया 71.12 मीटर — क्या कहते हैं अधिकारी विभागीय एसओपी के अनुरूप जिले में संभावित बाढ़ को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है. आवश्यक खाद्य सामग्री का रेट कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त कर लिया गया है. डीएम के निर्देश पर तटबंधों की सुरक्षा व अन्य सभी बिंदुओं पर संबंधित विभागों के स्तर से तैयारी की जा रही है. बृज किशोर पांडेय, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन.बाढ़ का कहर : पिछले वर्ष चार स्थानों पर टूटा था बांध, तीन लाख से अधिक लोग हुए थे प्रभावित
डुमरा. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने पर जिले में बाढ़ की संभावना बन जाती है. गत वर्ष बेलसंड के सौली रुपौली व रुन्नीसैदपुर के खडका व तिलकताजपुर में बांध टूट जाने के कारण बेलसंड के 10 व रुन्नीसैदपुर के 21 गांव प्रभावित हुआ था. इस आपदा में तीन लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे तो 24200 लोगों को रेस्क्यू किया गया था.
— गत वर्ष बाढ़ से प्रभावित हुए गांव▪︎ बेलसंड- जाफरपुर, सौली रुपौली, कंसार, डुमरा नुनौरा, पताही, भंडारी, लोहासी, बेलसंड नगर पंचायत, पचनौर व चंदौली.
▪︎ रुन्नीसैदपुर- खड़का, तिलकताजपुर, बलुआ, रैनविशुनी, अथरी, सिरखिरिया, महिंदवारा, मधौल सानी, बगाही रामनगर, रुन्नीसैदपुर मध्य, उत्तरी एवं दक्षिणी, मोरसंड, बेलाही नीलकंठ, थुम्मा, बरहेता, महेशा फरकरपुर, महिसार, देवनाबुजुर्ग, गंगवारा बुजुर्ग व गौसनगर.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है