सीतामढ़ी. अक्सर लोग किसी को किराए पर कमरा दे देते हैं. यानी यह जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि जिसे किराए पर कमरे दिए हैं, वह शख्स कौन है. वह कोई अपराधी तो नहीं है. दरअसल, पुलिस के सामने ऐसे मामले आए हैं कि अपराधी भी आम आदमी का चोला ओढ़कर आसानी से किराए पर कमरे ले लेता है और मौका पाकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है. मकान मालिक को इसकी भनक तक नहीं लगती है. जब अपराधी पकड़ में आता है, तो सबकुछ उजागर होता है. इन्हीं सारी बातों के मद्देनजर एसपी अमित रंजन ने मकान व होटल मालिकों को सलाह के साथ एक एडवाइजरी जारी की है.
एसपी ने अपराधियों को किसी भी स्थिति में किराए पर कमरे नहीं मिले, इसको लेकर कुछ ठोस कदम उठाए है. जारी एडवाइजरी में उन्होंने कहा है, जनता की सुरक्षा एवं आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश को पुलिस सजग है. कहा है कि कुछ मामलों में यह देखा गया है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग बिना पुख्ता पहचान के किराए पर कमरे लेने में सफल होते रहे हैं, जिससे विभिन्न सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ा है. ऐसे मामले को रोकने व लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला पुलिस द्वारा मकान मालिकों के लिए कुछ दिशा-निर्देशों तय किए गए है.
— क्या है एसपी की सलाह/अपील
एसपी रंजन ने कहा है कि किराए पर कमरे देने से पूर्व अपने किराएदार से आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या मतदाता पहचान पत्र लेकर जांच कर पूरी तरह संतुष्ट हो लें. इसके अलावे उससे कम से कम दो रेफरेंस की मांग करें और उनके संपर्क विवरण का सत्यापन कर लें. भविष्य के लिए सभी किरायेदारों के नाम, पता, संपर्क जानकारी व पहचान के दस्तावेजों की प्रतियों का विस्तृत रिकॉर्ड रखें. इसके अलावे नये किराएदार के बारे में स्थानीय पुलिस को सूचित करें. एसपी ने मकान मालिकों को अपने किरायेदारों की हर गतिविधियों पर नियमित रूप से निगरानी रखने और किसी भी संदिग्ध व्यवहार की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करने का सलाह दिया है. ऐसा कर मकान मकान मालिक स्वयं सुरक्षित रहने के साथ ही सुरक्षित वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं. किसी भी आपात स्थिति में 112 डायल करने की सलाह दी गई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है