सीतामढ़ी. पाकिस्तान द्वारा किये गये पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर जिस प्रकार आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किये और बाद में जवाबी कार्रवाई करते हुए सैकड़ों पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराकर पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया, उससे हमारी सेना की तैयारी और अदम्य साहस का पता चलता है. उक्त बातें प्रभात नव चेतना समिति के सचिव सह मिथिलाक्षर अभियानी प्रभात कुमार ने कही. कहा कि, इधर भारतीय नागरिक लगातार पाकिस्तान के साथ युद्ध की वकालत कर रहे हैं. लेकिन अमेरिकी मध्यस्थता के बाद हुए ””युद्ध विराम”” की घोषणा के बाद जिस प्रकार लोग सोशल मीडिया पर मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं उससे यह साफ स्पष्ट हो रहा है कि लोग भारत-पाक को लेकर हमेशा ही भावनात्मक रूप से सोचते हैं. यह समझना बेहद जरूरी है कि सरकार भावनात्मक मुद्दों के हिसाब से निर्णय नहीं किया करती. सरकार के लिये मानव मूल्यों का बड़ा महत्व है. उसके लिये हर एक देशवासी के जान की कीमत प्यारी है. उसे हर एक सैनिक के परिवारों के बारे में सोचना होता है. उसे देश की उभरती अर्थव्यवस्था के संतुलन की भी चिंता करनी होती है. एक पक्ष यह भी है कि ””युद्ध विराम”” की घोषणा भारत ने अपने शर्तों पर की है. इसके तहत पाकिस्तान पर लगाये गये सभी तरह के प्रतिबंध जारी रहेंगे. रही बात अमेरिकी मध्यस्थता की तो वर्तमान समय में अमेरिका भारत के साथ मित्रवत व्यवहार कर रहा है और वह वैश्विक महाशक्ति होने के साथ दुनिया का बड़ा और मजबूत लोकतांत्रिक देश भी है. इसलिये ””युद्ध विराम”” जैसे सुझाव आम बात हैं. इसलिये भारतीय राजनीतिक दलों व नागरिकों से सरकार द्वारा ””””युद्ध विराम”””” के निर्णय के बाद भी सरकार के साथ मजबूती से खड़ा रहने की अपेक्षा है.
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