सीतामढ़ी. जिले में पेयजल संकट से आमजन काफी परेशान है. इस संकट से निबटने के लिए डीएम रिची पांडेय ने रविवार को विमर्श कक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक कर पीएचइडी के अबतक के कार्यों एवं उपलब्धियों की समीक्षा की. मौके पर डीएम पांडेय ने विभागीय अभियंताओं को दो-टूक शब्दों में कहा कि जिन क्षेत्रों में जल संकट उत्पन्न है, वहां युद्ध स्तर पर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें. कहा कि कंट्रोल रूम से प्राप्त रिपोर्टों को केवल कागजों पर सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें स्थानीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों से वेरीफाई कर वास्तविकता का आंकलन कर तुरंत राहत उपाय शुरू करें. — पीएचइडी को डीएम का निर्देश डीएम पांडेय ने पीएचईडी के अभियंताओं को पानी की किल्लत वाले क्षेत्रों में शीघ्र नए चापाकल लगाने, पुराने चापाकल की मरम्मती करने, टैंकरों की संख्या बढ़ाकर पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया है. कहा कि सभी अभियंता आमजन से प्राप्त शिकायतों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करें. एडीएम, आपदा प्रबंधन को सभी सहायक व कनीय अभियंताओं का रूट प्लान तैयार कर इसकी सख्त निगरानी करें, ताकि हर प्रभावित क्षेत्र तक समय पर राहत पहुंच सके. — तीन अभियंताओं के वेतन पर रोक यह भी कहा कि पानी जैसी बुनियादी सुविधा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. समीक्षा के दौरान कार्य में लगातार लापरवाही पाए जाने पर डीएम ने सहायक अभियंता, सीतामढ़ी डिवीजन, कनीय अभियंता, पुपरी व सुरसंड का वेतन तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आदेश दिया गया. डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि जल संकट का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता है. जनता को पीने के पानी की कमी से जूझना पड़े, यह अस्वीकार्य है. जिम्मेदार अधिकारी समयबद्ध कार्रवाई करें, अन्यथा कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे. मौके पर एडीएम आपदा प्रबंधन बृजकिशोर पांडेय, डीपीआरओ कमल सिंह, पीएचइडी से जुड़े अभियंता व संवेदक उपस्थित रहे.
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