डुमरा. किसानों को ससमय व सुगमता पूर्वक सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए कृषि विभाग व राजस्व विभाग संयुक्त रूप से सभी किसानों का डाटा डिजिटल रूप से संग्रहित करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री तैयार कर कृषोन्नति योजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है. नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान कृषि के तहत मंगलवार को डीआरसीसी भवन में जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ करते हुए डीएओ शांतनु कुमार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा व कृषि आत्मनिर्भरता ने वृद्धि के उद्देश्य से उक्त योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इसके लिए जरुरी है कि सभी किसानों का फार्मर रजिस्ट्री होना जरुरी है. उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल हल्का कर्मचारी, कृषि समन्वयक व किसान सलाहकारों को उनके कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया. बताया गया है कि इसके लिए गांव में आयोजित फार्मर रजिस्ट्री कैंप में किसान आधार कार्ड, जमीन संबंधी दस्तावेज व मोबाइल नंबर के साथ भाग लेंगे, जहां किसानों का पंजीकरण व ई-केवाइसी के साथ-साथ जमीन संबंधी दावा व ई-हस्ताक्षर की प्रक्रिया करना होगा.
इस योजना के कार्यान्यवन के लिए सभी स्तर पर जिम्मेवारी तय कर दिया गया है. किसान सलाहकार किसानों को कैंप में भाग लेने के लिए सूचना प्रसारित करेंगे व किसानों को आवश्यक कागजात के साथ शामिल कराने की पूर्ण जिम्मेवारी का निर्वहन करेंगे. साथ ही कृषि समन्यवक ई-केवाइसी के लिए किसानों द्वारा आधार कार्ड साझा करने पर उनके फेसियल ऑथेंटिकेशन के माध्यम से ई-केवाइसी सत्यापन कराएंगे. वहीं, हल्का कर्मचारी किसान का आधार कार्ड संख्या अपने लॉगिन पर दर्ज कर किसान के बकेट में उल्लेखित सभी जमीन का विवरण देंगे व प्रदर्शित बकेट की जांच करेंगे. बताया गया कि बकेट में किसान के भूमि रिकॉर्ड से संबंधित विवरण को हटाने या जोड़ने का प्रावधान होगा.
— 16974 किसानों का हुआ फार्मर रजिस्ट्री
जिले में अबतक 16974 किसानों का फार्मर रजिस्ट्री किया गया है. कुल किसानों की संख्या 2 लाख 46 हजार 105 है, इसमें 89227 किसानों का ई-केवाइसी पूर्ण किया गया है.— फार्मर रजिस्ट्री व ई-केवाइसी वाले किसानों की संख्या
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