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बागमती तटबंध की मरम्मत नहीं, चिंतित हैं दर्जन भर गांव

एक सप्ताह के अंदर बिहार में मॉनसून के प्रवेश करने की प्रबल संभावना है. बावजूद बागमती कार्य प्रमंडल विभाग द्वारा बागमती नदी के तटबंधों पर जगह-जगह बने रैनकट, गड्ढा एवं बांध के जर्जर स्थल की मरम्मत नहीं कराई जा रही है.

सुप्पी. एक सप्ताह के अंदर बिहार में मॉनसून के प्रवेश करने की प्रबल संभावना है. बावजूद बागमती कार्य प्रमंडल विभाग द्वारा बागमती नदी के तटबंधों पर जगह-जगह बने रैनकट, गड्ढा एवं बांध के जर्जर स्थल की मरम्मत नहीं कराई जा रही है. इधर, स्थानीय लोगों का मानना है कि समय रहते बांध की मरम्मत सही तरीके से नहीं की गई, तो बाढ़ आने पर बागमती नदी के बायां तटबंध को टूटने से नहीं बचाया जा सकता है. बायां तटबंध की जर्जर स्थिति को देखते हुए बांध के समीप बसे गांव जमला, परसा, बड़हरवा, पुर्नवास ढ़ेंग, मनियारी गम्हरिया, रामपुर कंठ, सोना खान व अख्ता समेत आसपास के दर्जनों गांव के लोग काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि गत वर्षों की त्रासदी याद कर गांव के लोग कांप उठते हैं. प्रखंड क्षेत्र के जमला परसा से लेकर अख्ता गांव तक करीब सात किलोमीटर की दूरी में बागमती नदी का बायां तटबंध जमला परसा से लेकर अख्ता गांव तक बागमती नदी के बायां तटबंध पर जगह-जगह रेन कट एवं गड्ढे बने हुए हैं, जिसे अब तक बागमती कार्य प्रमंडल विभाग द्वारा अब तक मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया है.

…. और बांध टूटने से डूब गये थे दो दर्जन घर

बागमती कार्य प्रमंडल विभाग द्वारा बागमती नदी के बायां तटबंध का समय से मरम्मत कार्य नहीं कराए जाने के कारण ही विगत वर्ष 2002 में सोना खान के पास 2007 में रामपुर कंठ गांव के समीप, वर्ष 2011 एवं 2017 में परसा गांव के पास बागमती नदी का बायां तटबंध बागमती नदी में आयी भीषण बाढ़ के कारण टूट गया था और इसके चलते करीब दो दर्जन से अधिक गांव के सैकड़ों परिवार के लोगों का घर पानी में डूब गया था. वहीं, इन गांव के लोगों की जान-माल की तबाही के साथ करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. इसके साथ ही इन टूटे तटबंध की मरम्मत में भी सरकार का अरबों रुपये का नुकसान हुआ था. बावजूद बागमती कार्य प्रमंडल विभाग के अधिकारियों द्वारा मॉनसून की बरसात शुरू होने के पूर्व प्रखंड क्षेत्र के जमला परसा के अख्ता गांव तक करीब सात किलोमीटर की दूरी में बागमती नदी के बायां तटबंध का मरम्मत कार्य नहीं कराया जा सका है. जिसके चलते इस क्षेत्र के लोगों का बरसात के मौसम में बागमती नदी में बाढ़ आने की स्थिति में बांध टूटने का खतरा को लेकर चिंता बढ़ गयी है. स्थानीय विकास कुमार सिंह, अशोक कुमार, अंजनी कुमार, मनीष कुमार, सत्यनारायण सिंह व विकास कुमार मिश्रा ने बताया कि गत वर्ष भी मरम्मत के लिए जियो बैग पैकिंग करवाया गया था, जिसमें बालू की जगह पर मिट्टी ही डाली गयी थी और बने रेन कट का भी मरम्मत भी ठीक से नहीं करायी गयी थी. साथ ही उन लोगों ने बताया कि बारिश और बाढ़ के समय में ही लूट- खसोट करने के उद्देश्य से मरम्मत के नाम पर मोटी रकम की निकासी की जाती है. बाढ़ पूर्व तैयारी के नाम पर अब कुछ नहीं दिख रहा है.

— अभिकर्ताओं को अविलंब कार्य शुरू करने का दिया गया है निर्देश

सुप्पी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले जमला- परसा से अख्ता तक बागमती नदी के बायां तटबंध की मरम्मत को लेकर टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर अभिकर्ताओं की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. इन्हें अविलंब बांध मरम्मत कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है.

भास्कर कुमार, कार्यपालक अभियंता, बागमती कार्य प्रमंडल, सीतामढ़ी

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