सुप्पी. एक सप्ताह के अंदर बिहार में मॉनसून के प्रवेश करने की प्रबल संभावना है. बावजूद बागमती कार्य प्रमंडल विभाग द्वारा बागमती नदी के तटबंधों पर जगह-जगह बने रैनकट, गड्ढा एवं बांध के जर्जर स्थल की मरम्मत नहीं कराई जा रही है. इधर, स्थानीय लोगों का मानना है कि समय रहते बांध की मरम्मत सही तरीके से नहीं की गई, तो बाढ़ आने पर बागमती नदी के बायां तटबंध को टूटने से नहीं बचाया जा सकता है. बायां तटबंध की जर्जर स्थिति को देखते हुए बांध के समीप बसे गांव जमला, परसा, बड़हरवा, पुर्नवास ढ़ेंग, मनियारी गम्हरिया, रामपुर कंठ, सोना खान व अख्ता समेत आसपास के दर्जनों गांव के लोग काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि गत वर्षों की त्रासदी याद कर गांव के लोग कांप उठते हैं. प्रखंड क्षेत्र के जमला परसा से लेकर अख्ता गांव तक करीब सात किलोमीटर की दूरी में बागमती नदी का बायां तटबंध जमला परसा से लेकर अख्ता गांव तक बागमती नदी के बायां तटबंध पर जगह-जगह रेन कट एवं गड्ढे बने हुए हैं, जिसे अब तक बागमती कार्य प्रमंडल विभाग द्वारा अब तक मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया है.
…. और बांध टूटने से डूब गये थे दो दर्जन घर
— अभिकर्ताओं को अविलंब कार्य शुरू करने का दिया गया है निर्देश
सुप्पी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले जमला- परसा से अख्ता तक बागमती नदी के बायां तटबंध की मरम्मत को लेकर टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर अभिकर्ताओं की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. इन्हें अविलंब बांध मरम्मत कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है.भास्कर कुमार, कार्यपालक अभियंता, बागमती कार्य प्रमंडल, सीतामढ़ी
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