आयोजन. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की बैठक
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बिना जांच के अर्थदंड शोषण से भरी नीति
आयोजन. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की बैठक डुमरा : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक रविवार को एमपी हाइ स्कूल के सभागार में हुई. बैठक का शुभारंभ प्रदेश अध्यक्ष रजनीश कुमार ने दीप जला कर किया. अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं से सरकार को अवगत होकर शीघ्र ही न्यायोचित निर्णय […]
डुमरा : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक रविवार को एमपी हाइ स्कूल के सभागार में हुई. बैठक का शुभारंभ प्रदेश अध्यक्ष रजनीश कुमार ने दीप जला कर किया. अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं से सरकार को अवगत होकर शीघ्र ही न्यायोचित निर्णय लेने की आवश्यकता है. सीमित संसाधन में बच्चों को शिक्षा दे रहे शिक्षकों को समान काम के लिये समान वेतन मिलना चाहिए. न्यायालय में चल रहे मुकदमें में अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए संघ प्रतिबद्ध है. शिक्षा का अधिकार कानून का हनन है. इसके लिये राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया.
एमडीएम योजना के तहत विद्यालय स्तर पर शिक्षक पठन-पाठन के साथ बच्चों को ससमय भोजन उपलब्ध कराते है. ऐसे में अधिकारियों द्वारा पूरे मामले की जांच किये बगैर सीधे तौर पर एमडीएम के तहत अर्थदंड लगाने की नीति शोषण से भरी है. ऐसे शोषणयुक्त नीति व प्रताड़ना से मुक्ति के लिये सार्थक पहल अपनाने का निर्णय लिया गया. शिक्षकों की समस्याएं व विभिन्न बिंदुओं पर मई माह में राज्यस्तरीय संघर्ष कार्यक्रम के तहत शिक्षकों की महापंचायत हाजीपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया. इस दौरान जिला संघ के अध्यक्ष गोपालजी व जिला मंत्री सत्यानारायण राय ने कहा कि शिक्षकों को सम्मान में जो राज्य एकरूपता नहीं लाती है, इतिहास उसे माफ नहीं करता. उन्होंने कहा कि बगैर शिक्षकों के सम्मान, शिक्षिक राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती है. वहीं, मंच संचालनकर्ता व संयोजक ज्ञानवर्द्धन कंठ ने संघ के निर्णय व ज्ञापन सौपने के निर्णय को प्रशंसनीय बताया. मौके पर महासचिव पंकज कुमार, उपाध्यक्ष आलोक कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार, ज्ञानेंद्र नाथ, उपाध्यक्ष अरविंद्र कुमार सिंह, आशुतोष कुमार, संयुक्त सचिव आलोक रंजन, विमल कुमार, संजय कुमार, शिवशंकर यादव, मुजफ्फर आलम, रंजना कुमारी, शशिबाला व कष्णकांत झा समेत अन्य मौजूद थे.
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