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मासूम से दुष्कर्म,10 वर्ष सश्रम कारावास, 20 हजार जुर्माना

डुमरा कोर्ट : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश वीरेंद्र प्रताप सिंह ने आठ वर्ष की मासूम बच्ची से दुष्कर्म मामले में सोमवार को दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद बेला थाना क्षेत्र के सिरसिया गांव निवासी रामबिहारी राय के पुत्र विनोद राय को भादवि की धारा 376 में 10 वर्ष […]

डुमरा कोर्ट : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश वीरेंद्र प्रताप सिंह ने आठ वर्ष की मासूम बच्ची से दुष्कर्म मामले में सोमवार को दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद बेला थाना क्षेत्र के सिरसिया गांव निवासी रामबिहारी राय के पुत्र विनोद राय को भादवि की धारा 376 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व 20 हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनायी है.

अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा. वहीं पॉक्सो एक्ट में पांच वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. मामले में सरकार पक्ष की ओर से विशेष लोकअभियोजक मो जुनैद अर्मिल ने पक्ष रखा.
वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिश्चंद्र तिवारी ने बहस किया. मालूम हो कि कोर्ट ने 23 अप्रैल को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित विनोद राय को दोषी पाते हुए सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तिथि मुकर्रर की थी.
क्या है पूरा मामला: दुष्कर्म की उक्त घटना 9 मार्च 2013 की है. पीड़ित बच्ची स्वयं केस की सूचिका है. उसने पुलिस को दिये लिखित आवेदन में कहा था कि घटना के दिन वह घर पर अकेली थी. पिताजी पटना गये थे और मां आंगनबाड़ी सेविका है, जो जरूरी काम से परिहार गयी थी.
आरोपित विनोद राय, जिससे वह ट्यूशन पढ़ती थी, हर रोज की तरह उसे उस रोज भी पढ़ाने आया. घर पर उसे अकेली देखकर उससे दुष्कर्म किया, जिससे वह बेहोश हो गयी. उसकी मां जब घर लौटी तो उसे खून से लथपथ अवस्था में देखकर होश में लाया. पीड़िता ने मां को सारी बात बतायी.
उसकी हालत को देखकर उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां स्थिति सामान्य होने पर उसने पुलिस को लिखित आवेदन दिया. प्राथमिकी दर्ज करने के पश्चात पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. मामले में कोर्ट द्वारा सरकार को पीड़िता को मिलने वाली सहायता राशि देने का आदेश भी हुआ.
कोर्ट ने आदेश किया है कि पीड़िता को सहायता राशि के रूप में दो लाख रुपया जिला विधिक सेवा प्राधिकार सीतामढ़ी से दिया जायेगा. जिसमें 50 हजार रुपये पीड़िता के पिता को उसके भरण-पोषण के लिए दिया जायेगा. शेष 1.50 लाख रुपया पीड़िता के नाम से बैंक में जमा किया जायेगा, जो बालिग होने के बाद पीड़िता को मिलेगा.

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