डुमरा कोर्ट : यौन उत्पीड़न के मामले में गुरुवार को सिमरन की प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र प्रताप सिंह के न्यायालय में गवाही हुई. न्यायाधीश ने पीड़िता सिमरन के बयान को कलमबद्ध किया. वहीं इस मामले में शेष गवाही के लिए 18 मार्च की तिथि मुकर्रर की गयी है.
गवाही के क्रम में पीड़िता के आंखों से आंसू निकल रहे थे. मालूम हो कि 27 फरवरी 2015 को पूर्वी चंपारण जिले की ढाका थाने की पुलिस ने सिमरन को शमीम अख्तर के घर के तहखाने से बरामद किया था. सिमरन को उसके नाना के संरक्षण में हवाले किया गया था. कुछ दिनों तक सिमरन का इलाज भी चला.
बाद में आरोप लगाया कि उसके सगे मामा दिग्विजय मिश्रा ने उसे हवस का शिकार बनाया. तेजाब से चेहरा जलाने की धमकी देकर आगे भी दुष्कर्म करता रहा. मामा की करतूत की शिकायत करने मामी लक्ष्मी देवी पर भी मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में बाजपट्टी थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी. इधर वह पटना रिमांड होम में है.
वहां उसने वार्डनर डेजी मैम पर केस में सुलह करने तथा धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसका ममेरा भाई केस सुलह नहीं करने पर हत्या की धमकी देता है. सिमरन ने खुद को अब बालिग होने की बात कह कोर्ट से रिमांड होम से मुक्त करने की भी गुहार लगायी है. गवाही के दौरान सिमरन की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार उपस्थित थे.