गर्मी से राहत. शहर के जानकी स्थान मंदिर व सदर अस्पताल में घुसा बारिश का पानी
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झमाझम बारिश से इलाका जलमग्न
गर्मी से राहत. शहर के जानकी स्थान मंदिर व सदर अस्पताल में घुसा बारिश का पानी सीतामढ़ी : बारिश का पानी, लेकिन मंजर बाढ़ सा. सोमवार की सुबह इलाके में पौने दो घंटे तक हुई झमाझम पानी के बाद शहर बारिश के पानी में तैरता नजर आया. गली-मोहल्ले तो दूर मुख्य सड़क पर दो से […]
सीतामढ़ी : बारिश का पानी, लेकिन मंजर बाढ़ सा. सोमवार की सुबह इलाके में पौने दो घंटे तक हुई झमाझम पानी के बाद शहर बारिश के पानी में तैरता नजर आया.
गली-मोहल्ले तो दूर मुख्य सड़क पर दो से तीन फीट पानी बहता नजर आया. मां जानकी की जन्मस्थली जानकी स्थान मंदिर परिसर में पानी घुस गया. वहीं सदर अस्पताल व एएनएम स्कूल में कमरों में पानी घुस गया. इसके अलावा शहर के मेन रोड, लोहापट्टी, जानकी स्थान रोड, सोनापट्टी व गुदरी के इलाकों में दुकानों व घरों में पानी के घुसने के चलते लोग परेशान होकर रह गए है.
जानकी स्थान मंदिर में ज्येष्ठ एकादसी पर विशेष पूजन-अर्चन की परंपरा रहीं है. सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे थे, लेकिन जलजमाव के चलते लोग परेशान रहे. यहीं हाल सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों का रहा. सबसे बुरा हाल एएनएम स्कूल का है. जर्जर कमरे में चल रहे एएनएम स्कूल में जगह-जगह जलजमाव है. कमरा तक भी नहीं बचा है. लिहाजा प्रशिक्षु नर्सों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उधर, सोनापट्टी समेत कई व्यापारिक इलाकों में दुकानों में पानी घुसने से व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गयी है. सोमवार को व्यवसायी दुकान से पानी निकालने में परेशान रहे.
माॅनसून पूर्व हुई बारिश की पहली बौछार ने नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. नालों के जाम रहने के कारण बारिश का पानी नालों में बहने के बजाये लोगों के घरों में घुस रहा है. वहीं सड़क पर पानी के बहाव के चलते आवागमन प्रभावित हो रहा है. बताते चले की सोमवार की सुबह इलाके में जमकर बारिश हुई. बारिश के बाद जहां लोगों को भीषण गरमी से राहत मिली, वहीं पूरा शहर बारिश के पानी में तैरता नजर आया.
बारिश से रोजेदार को भी आफियत : पुपरी. करीब एक सप्ताह से पड़ रही भीषण गरमी से लोगों को सोमवार की सुबह अचानक हुई बारिश आम व लीची के फसल को फायदा हुआ है.
वहीं, मौसम के ठंडा होने से रोज़ेदारों को भी काफी राहत मिली है. लगातार भीषण गर्मी से आम लोगों के साथ- साथ अधिकांश रोज़ेदार भाई काफी परेशान थे. बताया गया कि करीब 17 घंटे तक रोज़ा रखना कठिन है. लीची व आम के कृषक व व्यापारी मो गोडैल बताते हैं कि इस बार शुरू से हो रही बारिश की वजह से आम व लीची के फूलों में मजबूती आयी है, जिसके चलते इस वर्ष आम व लीची की फसल अच्छी हुई है.
वर्षा से सड़कें हुई बदरंग, मूंग की फसल प्रभावित: शिवहर. जिले में हो रही रूक रूक कर वर्षा से जलजमाव व गंदगी कीचड़ से सड़कें बदरंग हो गयी है. वही मूंग की फसलें भी प्रभावित हो रही है. जिससे किसान हलकान है. सोमवार की सुबह भी आकाश में काले बादल छाये रहे. वही आंधी के साथ वर्षा भी हुई. जिससे सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. शहर से लेकर गांव की गलियां भी वर्षा के कारण बंदरंग हो गयी है. नगर में एनएच 104 पथ में खादी भंडार के पास जलजमाव से लोग हलकान है.
यह बारहमासी जल जमाव की स्थिति है. जब से एनएच104 का काम शुरू हुआ है. इस पथ में जीरो माइल चौक से आगे व खादी भंडार तक नारकीय स्थिति बना रहता है. जिससे नगर के लोगों में आक्रोश पनपने लगा है. इधर वर्षा से मूंग की पत्तियां पीली पड़ने लगी है. पौधे बड़े दिख रहे हैं. किंतु उसमें दाना नदारद है. जिससे किसान हलकान है.
बारिश से खिल उठे किसान, अब लगायेंगे धान के बीच: रीगा. लगातार एक सप्ताह भीषण गरमी से बेचैन जिंदगी को सोमवार की सुबह अचानक हुई बारिश से थोड़ी राहत मिली है. सुबह का समय देखने योग्य था. आकाश में छाये घने बादल व ठंढ़ हवा काफी मनोरम लग रहा था. आकाश में बादल के चलते सुबह के समय कई वाहन चालक गाड़ी का हेड लाइट जला कर व तेजी से आगे निकल कर सुरक्षित जगह की तलाश कर रहे रहे थे. इसी बीच कुछ किसानों ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र धान के बीज गिराने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है, पर आग उगल रही धरती की स्थिति को देख किसान बीज गिराने से डर रहे थे. संयोग ऐसा कि मौसम ने अहले सुबह अपने मिजाज में परिवर्तन लाया व कुछ क्षण के लिए धरती पानी-पानी हो गयी. किसानों के चेहरे खिल उठे. मानो मौसम ने उनकी भावना को परख ली हो.
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