बिहारशरीफ : नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने किसानों के हित में एक बड़ा मुद्दा उठाया और कहा कि केन्द्र सरकार किसानों को सिर्फ सपना दिखा रही है. सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान किसानों के हित में कई सवाल उठाये और केन्द्र सरकार से जानना चाहा कि किसानों के हित के लिए अमल होगा या मुंगेरी लाल के हसीन सपने रह जाएंगे. उन्होंने लोकसभा में कहा कि देश में धान की अच्छी फसल हुई. यह किसानों की मेहनत का नतीजा है.
बावजूद किसान मायूस हैं. जिसका मूल कारण यह है कि धान का उचित मूल्य नहीन मिलना.जिस तरह से सरकारी कर्मियों का सातवां वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर वेतन वृद्धि किया है. इसी तर्ज और अनुपात में सरकार फसलों का समर्थन मूल्य तय करती तो किसानों फायदा मिलता. सरकार किसानों के हित के बजाय मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाती है. धान का उचित मूल्य पर खरीदार नहीं मिल रहा है.
बिबौलियों का बोलबाला है. सांसद ने कहा कि नोटबंदी से उत्पन्न परेशानियों के कारण किसानों के पास कैस बड़ी समस्या है.किसानों को धान की उपज पर अतिरिक्त बोनस एवं समर्थन मूल्य में 100 प्रति क्वींटल की दर से वृद्धि की जाय,साथ ही सभी क्रय केन्द्र खुले रहें और किसानों को कैस में भुगतान किया जाय.बिहार सरकार पैक्स द्वारा धान खरीद रही है और बोनस भी दे रही है.किन्तु राज्य सरकार की एक सीमा है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की तर्ज पर केन्द्र बोनस दें. सभी एफसीआई खरीद केन्द्र को धान क्रय के लिए निर्देश दिया जाय. उन्होंने कहा कि कृषि जिन्सों के मूल्य नीति का उद्देश्य उत्पादकों को उनके उत्पाद के लिए लाभकारी मूल्योन कों सुनिश्चित कराना है. जिससे उच्चतर पींजी निवेशों एवं उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सके.