शेखपुरा : विद्यालयों से 75 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति के संबंध में गलत आंकड़ा प्रस्तुत करने वाले प्रधानाध्यापक पर गाज गिर सकती है. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कड़ा रूख अख्तियार किया है. शिक्षा विभाग द्वारा अधिकारियों की 10 टीम बनायी गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर डीपीएम, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व संकुल समन्वयक के नेतृत्व में डीपीएम, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व संकुल समन्वयक के नेतृत्व में टीम विद्यालयों का दौरा करेगी. शिक्षा विभाग की टीम इस संबंध में विद्यालयों द्वारा जमा किये गये आंकड़ों का पुनरीक्षण करेगी और इस काम में गड़बड़ी पाये जाने पर सीधे प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जायेगी.
गौरतलब है कि विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल आदि के लाभ के लिए सरकार द्वारा बच्चों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी हे. सरकार के इसी निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों से इस संबंध में प्रतिवेदन मांगा गया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. तकीउद्दीन अहमद ने बताया कि जिले के सभी विद्यालय से ऐसी सूची प्राप्त हो गयी है. प्रथम वर्ग से लेकर 12 वीं तक की सूची शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई है.
अब इस सूची को संपादित करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने आलाधिकारियों का दल बनाया है. दल द्वारा विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर भेजी गयी आंकड़ों का मिलान किया जायेगा. इस संंबंध में 75 प्रतिशत उपस्थिति के मामले में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले विद्यालय के प्रधान की खैर नहीं है. उन्होंने बताया कि जिले में पोशाक के साथ-साथ छात्रवृत्ति, साइकिल आदि की राशि दी जाती है. नवम वर्ग में नामांकित 6845 बालिकाओं को साइकिल दिया जायेगा. नवम से 12 वीं की बालिकाओं को नेपकिन की भी राशि दी जायेगी. अनुसूचित जाति के बच्चों को भी इस योजना के तहत राशि दी जाती है. उधर डीपीओ ने बताया कि इस योजना के लिए सबसे ज्यादा लाभुक प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में है. प्राथमिक विद्यालय के पांचवीं वर्ग तक वे प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में है.