शेखपुरा : स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में कम खर्च किये जाने पर प्रभारी जिलाधिकारी निरंजन कुमार झा ने कड़ी आपत्ति जतायी है. समीक्षा के दौरान भड़के जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन के साथ औचक निरीक्षण कर इसके कारणों का पता लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही ऐसे पिछड़ रहे स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य प्रबंधक और स्वास्थ्य लेखापाल को कड़ी चेतावनी जारी की है. बुधवार को प्रभारी जिलाधिकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त राशि के मदवार की गयी खर्च की समीक्षा कर रहे थे.
समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन डॉ एमपी सिंह के साथ सभी प्रखंड चिकित्सा प्रभारी,जिला स्वास्थ्य प्रबंधक व लेखापाल आदि मौजूद थे. बैठक की जानकारी देते हुए जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी योगेंद्र कुमार लाल ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त राशि का 78 प्रतिशत खर्च किया गया है.
जिसमें सदर अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अरियरी द्वारा आवंटित राशि का 84 प्रतिशत खर्च किया गया है, परंतु दूसरी ओर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरबीघा द्वारा आवंटित राशि को 64 प्रतिशत ही खर्च किये जाने पर गहरी नाराजगी प्रकट की है. जिलाधिकारी सिविल सर्जन के साथ बरबीघा जाकर इस बारे में असली कारणों का पता करेंगे. बैठक में बरबीघा के स्वास्थ्य प्रबंधक तथा स्वास्थ्य लेखापाल को खर्च बढ़ाने की चेतावनी दी है तथा स्थिति में सुधार नहीं होने पर इन दोनों को पद से हटा देने की चेतावनी दी गयी है. इसके अलावा भी अन्य स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा खर्च में पिछड़ने वाले की खबर लेने को सिविल सर्जन को कहा है. स्वास्थ्य विभाग के खर्च की समीक्षा तीन वर्गों में की गयी थी. बैठक में 25 दिसंबर तक सभी पुराने बकाया का समाप्त करने का निर्देश दिया गया है. जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों में महीनों से यह राशि लाभुक प्रसूता को प्राप्त नहीं हुआ है.