अरियरी / शेखपुरा :लंबे समय से घर की जिम्मेदारी के बोझ तले दबे एक युवक ने गुरुवार की देर रात खुदकुशी कर ली. पहले उसने सल्फास की गोली खायी, फिर बेचैनी बढ़ने पर कमरे के पंखे से लटक कर फांसी लगा ली. घटना के समय परिवार के सभी सदस्य दूसरे कमरे में सो रहे थे. मृतक जमालपुर गांव निवासी यमुना केवट का 32 वर्षीय पुत्र किशोर चौधरी बताया जा रहा है. शादी के बाद से ही वह अरियरी थाने के देवपुरी गांव अपनी ससुराल में रह रहा था. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
परिजनों ने बताया कि करीब 10 साल पहले किशोर चौधरी की शादी हुई थी. करीब पांच साल पहले किशोर के ससुर दुखन चौधरी ट्रेन से कट कर जान दे दी थी. ससुर की मौत के बाद पूरे परिवार का बोझ किशोर के कंधे पर आ गया. वह मजदूरी कर किसी तरह परिवार चला रहा था. पारिवारिक जिम्मेदारी और बीमारियों का खर्च झेलने में वह असमर्थ हो रहा था. किशोर चौधरी पर चार बच्चों के अलावा पत्नी, बूढ़ी मां और विधवा सास के भरण-पोषण की भी जिम्मेदारी थी. जानकारी के मुताबिक, किशोर चौधरी परेशानियों से उबरने के लिए अपना मकान बेचना चाहता था, परंतु सास और पत्नी अक्सर विरोध करती थी. इससे वह तनाव में रहता था.
घटना के संबंध में किशोर की पत्नी बुधनी ने बताया कि पहले ही कर्ज के बोझ से दबे किशोर के घर जब चौथी संतान के रूप में तीसरी पुत्री ने जन्म लिया, तो वह पूरी तरह से विचलित हो गया. तीसरी पुत्री के जन्म पर भी उसने जान देने की कोशिश की थी. लेकिन, उसे कामयाबी नहीं मिल सकी. पिछले कुछ दिनों से कर्ज के दबाव की चिंता होती थी. लेकिन, किशोर परिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए रोज मजदूरी के लिए निकल जाता था. पिछले कुछ दिनों से वह लगातार काम पर जा रहा था. लेकिन, गुरुवार की रात अचानक किशोर ने आत्महत्या कर ली. किशोर को चार बच्चे हैं. इनमें सात वर्षीया पुत्री कोमल, पांच वर्षीय पुत्र अंकित, तीन वर्षीया पुत्री अर्चना एवं दो माह की पुत्री शामिल हैं.
बुधनी ने बताया कि सुबह जब नींद खुली, तो कमरे में टीवी बंद करने पहुंची. वहां पहुंचने पर पति को पंखे से लटकते देखा. इसके बाद धारदार हसुआ से फंदे की रस्सी काट कर पति के शव को नीचे किया और पानी छिड़क कर होश में लाने की कोशिश की. लेकिन, पति की मौत का अहसास होते ही वह बेजार हो रोने लगी. 80 वर्षीय मां रुकमा देवी बहू के रोने की आवाज सुन कर खुद को रोक नहीं सकी और जब वहां पहुंची, तो किशोर को मृत पाया. किशोर की मौत के बाद उसके छह सदस्यीय परिवार का सहारा छिन गया.