डीएसपी मुख्यालय को सौंपा गया जांच का जिम्मा
शेखपुरा : पुलिस विभाग के वेतन मद से 50 लाख रुपये से अधिक की फर्जी निकासी का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस विभाग के लेखा ऑपरेटर समेत चार लोगों को हिरासत में लिया गया. इसकी जांच का जिम्मा डीएसपी (मुख्यालय) अरुण कुमार द्विवेदी को सौंपा गया है.
एसपी दयाशंकर ने कहा कि पूरी जांच के बाद सही आंकड़ा सामने आयेगा. पुलिस के लेखा विभाग में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर और अन्य की मिलीभगत से गड़बड़ी की गयी है. एसपी कार्यालय से आवंटन के आधार पर कर्मियों को वेतन देने के लिए दो तरह की प्रक्रिया अपनायी जाती है. वेतन भुगतान के लिए तैयार विपत्र कोषागार में स्वीकृति प्रदान के लिए भेजा जाता है.
यहां से स्वीकृति के बाद एडवाइस तैयार कर भुगतान के लिए एसबीआई की मुख्य शाखा में भेजा जाता है, जिसके आधार पर ही कर्मियों को भुगतान करना होता है.
दोहरी व्यवस्था में एसपी कार्यालय से कर्मियों की सूची के साथ उन्हें वेतन भुगतान की राशि अंकित कर एक्सएल रिपोर्ट बैंक को उपलब्ध करा दी जाती है. बैंक एसपी ऑफिस से प्राप्त एक्सल रिपोर्ट को ही बैंक के सॉफ्टवेयर में पेस्ट कर भुगतान कर देता था. लेकिन इस प्रक्रिया में सेंधमारी कर पुलिस लेखा विभाग के ऑपरेटर ने लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर उनके खाते में वेतन मद की निर्धारित राशि से कई गुनी अधिक राशि अंकित कर भुगतान के लिए बैंक को एक्सल रिपोर्ट उपलब्ध करा दी, जिसके कारण बैंक की ओर से उक्त कर्मियों के लिए अंकित फर्जी राशि ट्रांसफर कर दी गयी.
2016 से चल रहा है ‘खेल’
पुलिसकर्मियों के खाते में भुगतान की गयी फर्जीवाड़े की राशि की निकासी भी कर ली गयी. 2016 से चल रहे इस खेल को पहले तो दबाने की भरपूर कोशिश की गयी गयी, लेकिन मामला जब प्रमंडलीय आयुक्त तक पहुंच गया, तब इस मामले में जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गयी. साथ ही एसपी कार्यालय के लेखा विभाग में कार्यरत जवान मंटू पासवान समेत चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
डीएसपी (मुख्यालय) को जांच की जिम्मेदारी
फर्जी निकासी के मामले में जांच की जिम्मेदारी डीएसपी मुख्यालय को दी गयी है. फिलहाल गड़बड़ी की राशि के आंकड़े निकाले जा रहे हैं. इन सभी पहलुओं की जांच के बाद आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
दयाशंकर, एसपी, शेखपुरा
वेतन मद की राशि के लिए उपलब्ध कराये गये बिल के आधार पर एसबीआई मुख्य शाखा को इनवॉइस दिया जाता है. लेकिन, एसपी कार्यालय से मिली एक्सल रिपोर्ट पर ही बैंक ने भुगतान किया, जिससे गड़बड़ी की आशंका बढ़ गयी है.
शशिकांत आर्य, वरीय कोषागार पदाधिकारी, शेखपुरा
