शेखपुरा : जिले के भदौस गांव निवासी कैंसर पीड़ित पिता अपनी पुत्री की डोली को अपना कंधा देकर विदा करने का सपना पूरा करना चाहते थे. लेकिन, ऐसा हादसा हुआ कि उन्हें पुत्री की अर्थी को कंधा देकर सदा के लिए विदा करना पड़ा. बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे उच्च विद्यालय पचना जा रही छात्रा को निजी स्कूल के वैन ने रौंदा दिया. इस घटना में पीड़िता की मौत घटना के चंद मिनटों बाद ही इलाज के दौरान हो गयी. सड़क हादसे में जख्मी छात्रा के पेट और सीने में गंभीर चोट आने से उसकी मौत हो गयी.
भदौसी गांव निवासी अरुण यादव की 17 वर्षीय पुत्री अर्चना कुमारी बुधवार की सुबह जब अपने घर से पटना स्थित उच्च विद्यालय पटना पढ़ने जा रही थी. पचना के समीप विपरीत दिशा से आ रहे निजी स्कूल के वैन ने नवमी कक्षा की छात्रा को टक्कर मार दी. घटना के बाद स्कूल वैन घटनास्थल से भाग निकला. सड़क पर घायल छात्रा को देखते ही स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. ग्रामीणों ने गंभीर अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया, फिर छात्रा के परिजनों को सूचना दी. लेकिन, इलाज के दौरान ही छात्रा ने दम तोड़ दिया.
नौवीं कक्षा की छात्रा अर्चना के पिता अरुण यादव कैंसर से पीड़ित हैं. अपनी असमय मौत की आशंका के मद्देनजर कैंसर पीड़ित पिता ने अपनी पुत्री की शादी पिछले महीने ही तय कर दी थी. इसी वर्ष नवंबर माह में शादी होनी तय थी. अपनी मौत से पहले पीड़ित पिता अपनी पुत्री की डोली को कंधा देकर विदा करने की इच्छा थी. लेकिन, इस हादसे के कारण कैंसर पीड़ित पिता को कंधे पर पुत्री की अर्थी ढोनी पड़ी.
घटना की खबर मिलते ही स्कूली छात्र-छात्राओं में शोक की लहर दौड़ पड़ी. पीड़ित परिजनों पर मुसीबतों का आसमान टूट पड़ा. इस बड़ी घटना के बाद पीड़ित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं, हादसे को लेकर पीड़ित परिजनों एवं स्थानीय ग्रामीणों ने एक बार फिर सड़कों पर चलनेवाले वाहनों की रफ्तार को लेकर सवाल खड़े किये हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पचना के मुख्य सड़क मार्ग पर ही स्थित प्राथमिक एवं उच्च विद्यालय की छात्र-छात्राएं आये दिन सड़क हादसे के शिकार होते रहते हैं. इसके बावजूद यहां घनी आबादी से होकर गुजर रहे शेखपुरा-लखीसराय स्टेट हाइवे पर गति नियंत्रण के लिए कोई प्रावधान नहीं किया जा सका है. स्थानीय ग्रामीणों ने इस दिशा में जिलाधिकारी दिनेश प्रसाद से उचित कार्रवाई की मांग की है.