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कब शुरू होगा रेल लाइन का निर्माण, जवाब मांग रहे लोग

शिवहर : वर्ष 2007 में स्वीकृत बापूधाम मोतिहारी सीतामढ़ी भाया शिवहर रेल लाइन का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. जिसको लेकर शिवहर के लोगों में क्षोभ व्याप्त रहा है. इस बजट में 100 करोड़ स्वीकृत होने के बाद भी सरकार के मजबूत इच्छा शक्ति के अभाव में अब तक शुरू नहीं हो […]

शिवहर : वर्ष 2007 में स्वीकृत बापूधाम मोतिहारी सीतामढ़ी भाया शिवहर रेल लाइन का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. जिसको लेकर शिवहर के लोगों में क्षोभ व्याप्त रहा है.

इस बजट में 100 करोड़ स्वीकृत होने के बाद भी सरकार के मजबूत इच्छा शक्ति के अभाव में अब तक शुरू नहीं हो पाया है. इससे आक्रोशित लोग व युवा संगठन आंदोलनात्मक रूख अख्तियार करने की तैयारी में जुट गये हैं.

गौरतलब है कि 2007 वर्ष में रेल लाइन को मोतिहारी से शिवहर होते हुए सीतामढ़ी सें जोड़ने का वर्षों का इंतजार पूरा होने से एक उम्मीद जगी थी, लेकिन करीब दस साल बाद भी रेल लाइन का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जिससे लोगों का रेल से सफर करने का सपना टूटता नजर आने लगा है. ग्रामीणों की माने तो विगत 10 वर्षों में केवल सर्वे का कार्य हुआ है.

लेकिन जानकार कहते है अब नये सर्वे का जरूरत पड़ेगा .बताते चलें कि 2007 में जब इस रेल परियोजना की स्वीकृति दी गयी.इससे जिला के व्यावसायिक क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ यहां रोजगार के अवसर बढने, राज्य के अन्य हिस्सों से जुड़ने और पर्यटन को पंख लगने के उम्मीद जगी. किंतु अभी तक जनप्रतिनिधि या सरकार शिवहर के लोगों के उम्मीद पर खड़ी नहीं हो सकी है. शिवहर जिले में रेल सुविधाओं को लेकर जिलावासियों द्वारा पिछले लंबे समय से मांग की जा रही है.

पर्यटन व उद्योग धंधों के लिहाज से विकास कर रहे शिवहर जिले में अगर रेल सेवाएं हो तो जिला विकास के नये आयामों को छू सकता है. हालांकि केंद्र सरकार और स्थानीय सांसद एक ही पार्टी के होने से उम्मीद जगी है. सांसद रमा देवी बार बार आश्वासन देती हैं .लेकिन स्थानीय सामाजिक संगठन जिसमें संघर्षशील युवा अधिकार मंच तथा शिवहर जनजागरण मंच का आरोप है कि सांसद इस रेल परियोजना के लिए गंभीर नहीं हैं .हाल में एक आरटीआइ के जवाब में रेल मंत्रालय से बताया गया कि बापूधाम मोतिहारी सीतामढ़ी भाया शिवहर रेल लाइन परियोजना में फाइनल सर्वे लोकेशन पूरा कर लिया गया हैं .

भूमि अधिग्रहण नहीं होने की वजह से परियोजना का विकास रूका हुआ हैं. अभी 926.09 करोड़ का विस्तृत प्राक्कलन इस परियोजना के लिए प्राप्ति हुआ हैं .जो अभी विचाराधीन हैं . अभी तक इस परियोजना में 24 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. और वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 100करोड़ का आवंटन किया गया हैं. परंतु परियोजना का निर्माण अवधि अभी सुनिश्चित नहीं हैं. सवाल उठता है जब परियोजना की निर्माण अवधि जब सुनिश्चित ही नहीं है तो परियोजना अभी भी भविष्य के गर्भ में हैं. रोहित मिश्रा का कहना है की आजादी के 65 साल के बाद भी बिहार के इस प्रमुख जिले में रेल सेवा का न होना एक बहुत ही दुखद एवं आश्चर्य जनक बात है.

कहा कि बिहार कि वास्तविक प्रगति तभी संभव है. जब इस राज्य के कोने कोने को रेल यातायात से जोड़ दिया जाए. आज भी शिवहर के लोगों को बस में धक्के खाने पड़ते है. बस से सफर में महिलाओं का काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं. एक तरफ जहां देश में बुलेट ट्रेन आदि निकालने की बातें हो रही हैं. तो दूसरी तरफ आलम ये है कि देश के कई कोने साधारण रेल से भी नहीं जुड़ पाया है. जिसके लिए युवा मंच पिछले कई महीनों से स्थानीय सांसद व विधायक पर दबाव भी डाल रहा है, पर अभी रिजल्ट शून्य हैं.

लोगों का टूट रहा रेल पर सफर करने का सपना

जनप्रतिनिधि से नाराजगी

Prabhat Khabar Digital Desk
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