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डिग्री कॉलेज चाहिए, आश्वासन नहीं

संघर्षशील युवा अधिकार मंच ने निकाला मशाल जुलूस शिवहर : जिले में डिग्री कॉलेज को संचालित करने की मांग जिला स्थापना काल से ही की जाती रही है. किंतु जिलावासियों को वादे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है. इसकी लड़ाई संर्घषशील युवा अधिकार मंच के तत्वावधान में जारी है. इस मामले में सरकार व […]

संघर्षशील युवा अधिकार मंच ने निकाला मशाल जुलूस

शिवहर : जिले में डिग्री कॉलेज को संचालित करने की मांग जिला स्थापना काल से ही की जाती रही है. किंतु जिलावासियों को वादे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है. इसकी लड़ाई संर्घषशील युवा अधिकार मंच के तत्वावधान में जारी है.
इस मामले में सरकार व जिला प्रशासन को पत्र देने के बाद भी कोई परिणाम सामने नहीं आया है. जिलावासी फिलहाल किराये के मकान या किसी विद्यालय भवन में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत डिग्री कॉलेज संचालित करने की मांग पर अड़े है. किंतु सरकार व प्रशासन के तेवर में कोई बदलाव नहीं आया है. जिसके कारण डिग्री कॉलेज की मांग एक आंदोलन का रूप ले लिया है. जिले के बुद्धिजीवी, छात्र, लेखक, साहित्यकार व पत्रकार भी इसके समर्थन में आ गये है.
बात केवल डिग्री कॉलेज तक ही सीमित नहीं है.
लोग सरोजा सीताराम अस्पताल को चालू करने की भी मांग कर रहे हैं. किंतु प्रशासन इस मामले में चुप्पी साध रखा है. जिसके आक्रोश में जिले के लोगों ने संघर्षशील युवा अधिकार मंच के संयोजक अादित्य कुमार के नेतृत्व में बीआरसी केंद्र के पास से जीरो माइल चौक होते समाहरणालय गेट तक मसाल जुलूस निकाला.
इस दौरान नुक्कड़ सभा का भी आयोजन किया गया. उल्लेखनीय है कि डिग्री कॉलेज के अभाव में जिले के छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे है. सामर्थवान छात्र बाहर अन्य शहरों में जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण कर लेते है. किंतु गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे है. प्रत्येक अनुमंडल में डिग्री कॉलेज स्थापित करने की घोषणा शिवहर जिला के लिए महज छलावा साबित हो रहा है. भवन निर्माण की पूर्व में समस्या थी. किंतु डीएम के प्रयास से उक्त समस्या का भी समाधान हो चुका है.
हड़करवा गांव में करीब 12 एकड़ सरकारी जमीन पर डिग्री कॉलेज स्थापित करने हेतु सरकार द्वारा स्वीकृति भी दी जा चुकी है. किंतु कॉलेज संचालित करने की बात अधर में लटका है. जिसको लेकर लोगों में आक्रोश पनपने लगा है. 1994 में शिवहर जिला के रूप में स्वतंत्र अस्तित्व में आया. उसके पूर्व यह सीतामढ़ी का अंग हुआ करता था. जिला स्थापित होने के बाद से आज तक शिक्षा की बड़ी बड़ी बात करने वाली सरकार या जनप्रतिनिधि इसके लिए इमानदार प्रयास नहीं कर सके. अगर किये तो फिर आज आंदोलन की जरूरत क्यों पर रही है. इस पर चिंतन करने की जरूरत है.
नियोजित शिक्षक न्याय मोरचा के प्रदेश महासचिव अभय कुमार सिंह ने विलंब के लिए जिला प्रशासन व सरकार को जिम्मेवार बताया है. मंच के मुकुंद प्रकाश मिश्र ने कहा है कि जब तक डिग्री कॉलेज नहीं होगा. आंदोलन जारी रहेगा. बल्ली सिंह, राजकिशोर गुप्ता, नीतेश्वर मिश्र, रानी गुप्ता, रूपेश कुमार गुप्ता, संजय कुमार, ब्रिलियंट कोचिंग के विज्ञान शिक्षक विजय पांडेय, उमेश नंदन सिंह आदि दर्जनों लोगों ने डिग्री कॉलेज के मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है.
मशाल जुलूस में सूर्यसन मिश्र, अपूर्व कुमार श्रीवास्तव समेत कई मौजूद थे.

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