अवशेष चावल से अधिक चावल भंडार में देख बीइओ रह गये हतप्रभ
कहा, मध्याहृन भोजन में अनियमितता की बात से नहींकिया जा सकता है इनकार
बीइओ ने प्राचार्य से किया हैजवाब-तलब, मचा हड़कंप
पुरनहिया :प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार झा ने कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में विद्यालयों की लचर व्यवस्था उजागर हुई.
निरीक्षण में पाया कि विद्यालयों में दर्ज उपस्थिति के विरुद्ध उपस्थित बच्चों की संख्या कम है. मध्याह्न भोजन गुणवत्ता विहीन तथा भंडार कक्ष में अवशेष से ज्यादा चावल पाया गया.प्राथमिक विद्यालय बराही जगदीश कन्या के निरीक्षण के क्रम में बीइओ ने कुल नामांकित 254 बच्चों में 206 बच्चों की उपस्थिति दर्ज पायी.
बच्चों का भौतिक सत्यापन करने पर मात्र 41 बच्चे ही उपस्थित थे. मध्याह्न भोजन के गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भोजन के लिए बना खिचड़ी दाल विहीन था, तो चोखा लाल मिर्च पाउडर युक्त परोसा जा रहा था. साथ ही भंडार कक्ष के अवलोकन में अवशेष चावल की मात्रा से ढाई क्विंटल अधिक चावल पाया गया.
विद्यालय की विधि व्यवस्था में वर्ग संचालन से लेकर शौचालय तक की स्थिति संतोषप्रद नहीं थी. वही प्राथमिक विद्यालय अल्पसंख्यक टोला बराही जगदीश के निरीक्षण में भी कुल नामांकित 216 में 180 बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गयी थी. भौतिक सत्यापन में बच्चों की उपस्थिति शून्य रही, जबकि भंडार कक्ष के अवलोकन में चावल की अवशेष मात्रा से डेढ़ क्विंटल अधिक पाया गया. वही मध्य विद्यालय चकफतेहा कन्या में कुल नामांकन 357 में 206 बच्चों की उपस्थिति पंजी में दर्ज थी.
भौतिक सत्यापन में मात्र 50 बच्चे ही मौजूद थे. विद्यालय में एमडीएम भी बंद था. पूछताछ करने पर बच्चों ने पठन-पाठन सुचारु रूप से संचालित नहीं किए जाने तथा विद्यालय में खेल सामग्री का अभाव होना बताया गया. जबकि प्राथमिक विद्यालय चकफतेहा बालक में कुल नामांकित 172 में 120 बच्चों की उपस्थिति बनायी गयी थी और मात्र 25 बच्चे उपस्थित थे. मध्याह्न भोजन बंद पाया गया.
बीइओ श्री झा ने बताया की विद्यालयों के पंजी में अवशेष खाद्यान्न से अधिक मात्रा में चावल पाया जाना एमडीएम में राशि गबन का द्योतक है. साथ ही विद्यालयों को विद्यालय विकास एवं खेल सामग्री के लिए राशि उपलब्ध करायी जाती है. बावजूद इसके खेल सामग्री से बच्चों को वंचित किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण की मांग की गई है. संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर मध्यान भोजन मद में राशि की वसूली के लिए कार्रवाई की जाएगी.
