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इंसेफेलाइटिस को लेकर शिवहर में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

शिवहर : सिविल सर्जन धनेश कुमार सिंह एवं डीपीएम पंकज कुमार मिश्र ने बताया कि इंसेफेलाइटिस को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. उन्होंने कहा कि जिले में कोर कमेटी का गठन कर दिया गया है. साथ ही सभी चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि किसी भी स्थिति से निपट सकें […]

शिवहर : सिविल सर्जन धनेश कुमार सिंह एवं डीपीएम पंकज कुमार मिश्र ने बताया कि इंसेफेलाइटिस को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. उन्होंने कहा कि जिले में कोर कमेटी का गठन कर दिया गया है. साथ ही सभी चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि किसी भी स्थिति से निपट सकें सभी पीएचसी स्तर पर जरूरत की दवाइयां उपलब्ध करा दी गयी है.

उन्होंने कहा कि हाई फीवर होने की स्थिति में तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें कहा कि बच्चों को कभी भी भूखे पेट रात में नहीं सोने दे. इसका खास ध्यान रखना चाहिए कहा कि जागरूक रहने की स्थिति में इंसेफेलाइटिस से बचा जा सकता है. शिवहर में अभी तक एक भी केस इंसेफेलाइटिस का सामने नहीं आया है.

बावजूद इसके विभाग अलर्ट है इधर राज्य में एक्यूट इंसेफेलाइटिस (एइएस) एवं जापानी इंसेफेलाइटिस (जेइ) के बढ़ते मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने बेहतर स्वास्थ्य सेवा बहाल करने की दिशा में कदम उठाये हैं. बिहार में मस्तिष्क ज्वर(एइएस) का मुख्य केंद्र मुजफ्फरपुर एवं जापानी इंसेफेलाइटिस (जेइ) का मुख्य केंद्र गया है.

इन दोनों रोगों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने विशेष कार्य योजना बना कर इसे चिह्नित जिलों में कार्यान्वित करने पर बल दे रही है.

एसओपी में किया गया बदलाव : भारत सरकार के मंत्री समूह द्वारा वर्ष 2012 के दिये निर्देश आलोक में क्षेत्र विशेष एवं लीची पैदावार वाले जिलों को ध्यान में रखते हुए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर-2013 में तैयार किया गया एवं इसके ही आधार पर अभी तक एइएस एवं जेइ रोगियों का इलाज किया जा रहा था. लेकिन पुनः विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं क्षेत्र से प्राप्त फीडबैक के मुताबिक वर्ष 2018 में इस एसओपी को संशोधित करते हुए सभी जिलों को उपलब्ध कराया गया है.

इसमें वर्णित आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों की उपलब्धता एइएस प्रभावित 12 जिलों के 222 प्रभावित स्वास्थ्य केंद्रों पर बीमारी के प्रकोप से पहले ही सुनिश्चित की जा चुकी है.

445 एमबीबीएस चिकित्सकों को पुनः प्रशिक्षण: राज्य में चिह्नित 29 जिलों के 445 एमबीबीएस चिकित्सकों को एइएस के इलाज प्रोटोकॉल पर पुनः ओरिएंटेशन ट्रेनिंग दिया गया है.

साथ ही राज्य में पहली बार सात स्वास्थ्य संस्थानों में शिशुओं के लिए इंटेंसिव केयर यूनिट(आइसीयू) की स्थापना एवं संचालन शुरू किया गया है. इसमें डीएससीएच दरभंगा, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, पीएमसीएच पटना, एएनएमसीएच गया, सदर अस्पताल मोतिहारी, सदर अस्पताल हाजीपुर एवं अनुमंडलीय अस्पताल रजौली(नवादा) शामिल है.

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